गोहाना में तेल पाइपलाइन बिछाने को लेकर किसानों का जोरदार विरोध प्रदर्शन
हरियाणा के गोहाना क्षेत्र में प्रस्तावित तेल पाइपलाइन को लेकर किसानों में भारी असंतोष देखने को मिल रहा है। पाइपलाइन बिछाने के फैसले के खिलाफ किसानों ने एकजुट होकर सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि इस परियोजना से उनकी जमीनें प्रभावित होंगी और उनकी फसलों और आजीविका को नुकसान पहुंचेगा। किसानों के विरोध ने प्रशासन और सरकार का ध्यान खींचा है, जो इस मसले पर पुनर्विचार करने की मांग कर रहे हैं।
पाइपलाइन परियोजना से किसानों को नुकसान
किसानों का कहना है कि पाइपलाइन बिछाने से उनकी कृषि योग्य भूमि प्रभावित होगी। इस परियोजना से उन क्षेत्रों में फसल उत्पादन में कमी आ सकती है, जो किसानों की आमदनी और जीवन स्तर को प्रभावित करेगा। इसके अलावा, खेतों के नीचे पाइपलाइन होने से किसानों को फसल उगाने में कठिनाई हो सकती है। उनका आरोप है कि सरकार ने बिना पूरी तरह से किसानों से चर्चा किए यह फैसला लिया है।
किसानों की प्रमुख मांगें
प्रदर्शन में शामिल किसानों ने अपनी प्रमुख मांगों को सामने रखा है। वे चाहते हैं कि सरकार इस परियोजना को रद्द करे या फिर उचित मुआवजा दे, ताकि किसानों को उनकी जमीन का पूरा लाभ मिल सके। किसानों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तो वे इस विरोध को और उग्र रूप देंगे। उनकी मांग है कि प्रशासन किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए किसी भी निर्णय को ले और जमीन के उपयोग पर सहमति बनाए।
प्रदर्शन का सरकार और प्रशासन पर दबाव
गोहाना में हो रहे इस बड़े विरोध प्रदर्शन ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। किसानों की मांगों और भावनाओं को समझने के लिए प्रशासन ने एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जो किसानों के साथ संवाद कर रही है। इस मामले में राज्य सरकार पर भी दबाव बढ़ रहा है कि वह किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाए। किसानों का कहना है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे और सरकार से उम्मीद है कि वह उनके भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
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