डॉ. बलबीर सिंह ने वेक्टर जनित और जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अंतर-विभागीय समन्वय पर दिया जोर

लुधियाना में जल एवं वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने अधिकारियों के बीच निर्बाध समन्वय के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक अधिकारी के पास मामलों, हॉटस्पॉट्स, नमूनों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी का पूरा विवरण उपलब्ध होना चाहिए।

Aug 1, 2024 - 08:50
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डॉ. बलबीर सिंह ने वेक्टर जनित और जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अंतर-विभागीय समन्वय पर दिया जोर
डॉ. बलबीर सिंह ने वेक्टर जनित और जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अंतर-विभागीय समन्वय पर दिया जोर

पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने बुधवार को स्वास्थ्य, स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास और पंचायत विभागों के अधिकारियों को जिले में वेक्टर जनित और जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए मिलकर काम करने का निर्देश दिया। लुधियाना में जल एवं वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा के लिए जिला स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बलबीर सिंह ने इन विभागों के अधिकारियों के बीच निर्बाध समन्वय के महत्व पर बल दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक अधिकारी के पास मामलों, हॉटस्पॉट्स, नमूनों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी का पूरा विवरण उपलब्ध होना चाहिए।

उन्होंने जल जनित बीमारियों जैसे कि डायरिया, हैजा, हेपेटाइटिस-ए, तथा वेक्टर जनित बीमारियों जैसे कि मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया की रोकथाम और नियंत्रण में सामूहिक जिम्मेदारी पर भी प्रकाश डाला। बैठक में साहनेवाल के विधायक हरदीप सिंह मुंडियां भी शामिल हुए। मंत्री ने नगर निगम/नगर परिषदों और अन्य संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे जल प्रदूषण के कारणों की पहचान कर उसे तुरंत ठीक करें। जब तक समस्या का समाधान नहीं हो जाता, तब तक आम जनता को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराया जाना चाहिए, ताकि मामले बढ़ने से रोके जा सकें। घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाना चाहिए तथा प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक दवाइयां पहुंचाई जानी चाहिए।

डॉ. बलबीर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को लार्वा की पहचान करने तथा अपने घरों में पानी के कंटेनरों की प्रतिदिन जांच करने के बारे में शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान के महत्व पर भी बल दिया। इस अभियान में शैक्षणिक संस्थानों को भी शामिल किया जाना चाहिए ताकि वे छात्रों को लार्वा के बारे में शिक्षित कर सकें, क्योंकि वे अपने आसपास के लोगों को मच्छरों के प्रजनन को रोकने में मदद करने के लिए संवेदनशील बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। 

इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य मंत्री ने आम आदमी क्लीनिकों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी), दवा की उपलब्धता, ओओएटी केंद्रों तथा नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों की कार्यप्रणाली की भी समीक्षा की। उपायुक्त साक्षी साहनी ने स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि स्थिति की दैनिक निगरानी की जा रही है तथा सभी विभाग शाम को जल नमूने की रिपोर्ट उन्हें सौंप रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां रिपोर्ट असंतोषजनक पाई जाती है, वहां तत्काल सुधारात्मक उपाय लागू किए जाते हैं।

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