जगह के अभाव में नहीं हो पा रही धान की डिलीवरी, राइस मिलर्स एसोसिएशन ने सुनाई अपनी दास्तां
उत्तरी हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन जिला अम्बाला यमुनानगर और पंचकूला प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राईस मीलों से जुडी मांगों को रखा है। उन्होंने कहा की उत्तरी हरियाणा के राइस मिलर्स पिछले 20 वर्षों से CMR का कार्य कर रहे हैं, आज बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।
सज्जन कुमार, चंडीगढ़:
उत्तरी हरियाणा राइस मिलर्स एसोसिएशन जिला अम्बाला यमुनानगर और पंचकूला प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राईस मीलों से जुडी मांगों को रखा है। उन्होंने कहा की उत्तरी हरियाणा के राइस मिलर्स पिछले 20 वर्षों से CMR का कार्य कर रहे हैं, आज बहुत ही मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। खरीद एजेंसीज (Food & Supply, HAFED, HWC) और सरकार से अपील है कि हमारी समस्याओं पर जल्द से जल्द विचार कर समाधान किया जाए।
सरकारी खरीद एजेंसियां राइस मिलर्स को अनाज मंडियों से धान (Paddy) उपलब्ध करवाती है। हम राइस मिलर्स को उस धान (Paddy) का मिलिंग/शेलिंग करके (छिलका उतार कर) चावल FCI के सरकारी गोदामों में सप्लाई करना होता है। पिछले सीजन KMS 2023-24 में खरीद एजेंसियों/ FCI ने चावल लगाने के लिए हम राइस मिलर्स को पर्याप्त जगह नहीं उपलब्ध करवाई जिसके कारण जो CMR कार्य 31/03/2024 को पूरा हो जाना चाहिए था, वह आज भी पेंडिंग है।
नए सीजन का धान मंडियों में 15 सितम्बर से आ जायेगा, लेकिन अभी भी कुछ राइस मिलर्स का पिछले साल का काम पेंडिंग है। स्पेस न होने कि वजह से चावल कि डिलीवरी लेट हुई। जिसके कारण मिलर्स को बहुत ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है। FCI व् खरीद एजेंसियों के पास आगामी सीजन (KMS 2024-25) में हमारे राज्ये में चावल लगाने के लिए गोदामों में जगह नहीं है और न ही कोई पुख्ता इंतज़ाम है। इस स्तिथि में मिलर्स के लिए आगामी सीजन (KMS2024-25) में CMR कार्य करना नामुमकिन है।
ये हैं प्रमुख मांग
- चावल लगाने कि पर्याप्त जगह CMR डिलीवरी में चावल का यील्ड परसेंटेज कम कर 67 से 62 प्रतिशत किया जाए
- CMR डिलीवरी में ब्रोकन राइस (टुकड़ा) का परसेंटेज बढ़ाकर 25 से 35 प्रतिशत किया जाए
- Driage परसेंटेज 2 प्रतिशत बढ़ाई जाए
- मिलिंग चार्जेज बढ़ाकर 120 रुपए प्रति क्विंटल किए जाएं।
- बारदाना डेप्रिसिएशन बिना बिल के 14.19 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से राइस मिलर्स को मिले
- राइस मिलर्स द्वारा अपने शेलर में धान(Paddy) रखने का पर्याप्त किराया मिलना चाहिए
- रामलग पालिसी सितम्बर के पहले हफ्ते में आजनि चाहिए ताकि मिलर्स पालिसी कि कंडीशमा कर अपना डिसिशन ले सकें। एक बार पालिसी इरा होने के बाद कोई ऐसे गाइडलाइन्स नहीं आनिदे चाहिए जिसके कारण मिलर्स को आर्थिक नुकसान हो।
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