अदालत ने आप नेता संजय सिंह को 10 अक्टूबर तक ED की हिरासत में भेजा

अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेता संजय सिंह को दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार किये जाने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को पांच दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने सिंह को 10 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया, ताकि संघीय जांच एजेंसी उनसे पूछताछ कर सके। आप के राज्यसभा सदस्य को हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया जाएगा। अदालत कक्ष में लाये जाने के दौरान सिंह ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का “अन्यायपूर्ण कृत्य” है। प्रधानमंत्री की पार्टी “आगामी लोकसभा चुनाव हारने जा रही है”। सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने 2021-22 दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़ी धनशोधन जांच के सिलसिले में बुधवार को गिरफ्तार किया था। बाद में, जब अदालत ने उनसे पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहते हैं, तो सिंह ने दावा किया कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। आप नेता ने मामले में अब सरकारी गवाह बन गए आरोपी कारोबारी दिनेश अरोड़ा से दो करोड़ रुपये मिलने के ईडी के दावे को खारिज करते हुए कहा, “सर, अमित अरोड़ा ने दसियों बयान दिये, दिनेश अरोड़ा ने कई बयान दिये, लेकिन उन्हें मेरा नाम याद नहीं रहा। मैं इतना भी अनजान नहीं हूं कि वे मेरा नाम भूल गये। अब उन्हें अचानक याद आया…कोई अलग कानून नहीं है। मुझे एक बार भी समन नहीं किया गया। मेरे लिए अलग कानून क्यों?”

सुनवाई के दौरान ईडी ने सिंह की हिरासत की मांग करते हुए कहा कि कई लोगों से पूछताछ और उनका आमना-सामना कराया जाना बाकी है। एजेंसी ने कहा कि वह सिंह के फोन से निकाले गए डेटा को लेकर भी उनसे पूछताछ करना चाहती है। ईडी ने आरोप लगाया कि सिंह को दो किस्तों में तीन करोड़ रुपये मिले।

ईडी ने कहा, “पैसा उनके आवास पर पहुंचाया गया। दिनेश अरोड़ा ने उनसे (पैसे पहुंचने के बारे) में पूछा, तो उन्होंने (सिंह ने) इसकी पुष्टि की… जांच में पता चला है कि दो करोड़ नकद दिया गया था। कुल तीन करोड़ रुपये दिए गए।’’ जब एजेंसी ने कहा कि वह सिंह का सामना उनके मोबाइल फोन से निकाले गए डिजिटल सबूतों से कराना चाहती है, तो अदालत ने उसके वकील से कहा कि ऐसे उन्हें हिरासत में लिये बिना भी किया जा सकता है। न्यायाधीश ने कहा, “आप फोन से उनका सामना क्यों करना चाहते हैं? आप वैसे भी डेटा निकाल सकते हैं।” सिंह का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने उनकी हिरासत की मांग करने वाली ईडी की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एजेंसी का गवाह दिनेश अरोड़ा भरोसेमंद नहीं है। सिंह के वकील ने कहा, “वह पहले आरोपी था, फिर गवाह बन गया। उसका रुख बदल रहा है। वह अभियुक्त है, सरकारी गवाह बन गया, बयान देता है; (लेकिन) बयान ईडी के अनुकूल नहीं है, (इसलिए) ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया और वह ईडी मामले में सरकारी गवाह बन गया। वह बयान बदलता है और ईडी ने उसके बयान के आधार पर मुझे गिरफ्तार कर लिया।”

उन्होंने ईडी पर सिंह को गिरफ्तार कर अपमानित करने का आरोप लगाया।

माथुर ने कहा, “अलग-अलग एजेंडे हैं। पिछले डेढ़ साल से डीए (दिनेश अरोड़ा) उनके हाथ में है। बयान पहले दिया गया था। अब इसे क्यों लाया जा रहा है। एक बार जब आपके पास (अरोड़ा का) बयान आ गया, तो आपने मुझे स्पष्टीकरण के लिए नहीं बुलाया। आप मुझे गिरफ्तार करके अपमानित करना चाहते हैं।”