पशु-विश्वविद्यालय ने प्रामाणिक दूध उत्पादन रिकॉर्डिंग के लिए IoT डिवाइस पर प्राप्त किया पेटेंट
गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना ने अपने डेयरी झुंडों में हाथ से दूध निकालने वाले डेयरी किसानों के लिए क्षेत्र की स्थितियों में प्रामाणिक दूध उत्पादन रिकॉर्डिंग को स्वचालित और सुनिश्चित करने के लिए एक अभिनव विधि के लिए सफलतापूर्वक पेटेंट हासिल किया है।
गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना ने अपने डेयरी झुंडों में हाथ से दूध निकालने वाले डेयरी किसानों के लिए क्षेत्र की स्थितियों में प्रामाणिक दूध उत्पादन रिकॉर्डिंग को स्वचालित और सुनिश्चित करने के लिए एक अभिनव विधि के लिए सफलतापूर्वक पेटेंट हासिल किया है। यह अभिनव समाधान प्रामाणिक दूध रिकॉर्डिंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) तकनीक का लाभ उठाता है। यह कार्य पशु जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय में शुरू किया गया और पूरा किया गया।
इस अभूतपूर्व तकनीक में पशुओं के दूध उत्पादन की सटीक और छेड़छाड़-रहित ट्रैकिंग सुनिश्चित करके डेयरी उद्योग में क्रांति लाने की क्षमता है और इस तरह आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ाया जा सकता है। यह डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि के साथ डेयरी किसानों को सशक्त बनाने के साधन के रूप में भी काम करेगा। अलग-अलग पशुओं से जुड़ी प्रामाणिक दूध उपज से किसानों को अपने उत्कृष्ट पशुओं के लिए बेहतर पहचान और बाजार मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
यह प्रौद्योगिकी डेयरी प्रजनकों को डेयरी पशुओं के आनुवंशिक मूल्यांकन के दायरे का विस्तार करने में भी मदद करेगी, जिससे वे सटीक चयन और बेहतर आनुवंशिक सुधार कर सकेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. जेपीएस गिल ने डॉ. वाईपीएस मलिक और डॉ. इंद्रजीत सिंह के तकनीकी मार्गदर्शन में इस उपलब्धि के लिए प्रौद्योगिकी के अन्वेषक डॉ. नीरज कश्यप को बधाई दी। डॉ. गिल ने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम तकनीकी नवाचार में सबसे आगे हैं, डेयरी क्षेत्र में प्रामाणिक उत्पादन डेटा की कमी की समस्या का लंबे समय से मांगा जा रहा समाधान निकालने के लिए, जो आनुवंशिक सुधार कार्यक्रम के राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन में एक बड़ी बाधा रही है।
इस अभूतपूर्व प्रौद्योगिकी में पशुओं के दूध-उत्पादन की सटीक और छेड़छाड़-रहित ट्रैकिंग सुनिश्चित करके तथा आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ाकर डेयरी उद्योग में क्रांति लाने की क्षमता है। विकास टीम का प्रतिनिधित्व करने वाले डॉ. नीरज कश्यप ने पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन को उनके पूर्ण समर्थन और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद दिया, जिसके कारण यह सफलता मिली। डॉ. कश्यप ने युवाओं को पशुपालन क्षेत्र की बेहतरी के लिए अभिनव समाधान विकसित करने के लिए विषयों की सीमाओं को तोड़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया।
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