भारत निकालेगा 'बीजिंग मॉडल' से प्रदूषण का हल ? चीन ने दिए कई सुझाव
चीन ने प्रदूषण से निपटने के लिए सार्वजनिक वाहनों (मेट्रो और बस) के नेटवर्क बढ़ाया ताकि लोग निजी वाहनों का कम प्रयोग करें।
भारत के कई बड़े शहर इन दिनों बढ़ते प्रदूषण की चपेट में है, खासकर इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली इस समस्या से अधिक प्रभावित है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 से 500 के बीच घूम रहा है। इसी बीच चीन के दूतावास ने सोशल मीडिया पर 'बीजिंग मॉडल' साझा करते हुए भारत को प्रदूषण नियंत्रण के छह प्रमुख सुझाव दिए हैं, जो बीजिंग की सफलता पर आधारित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सख्त अमल और क्षेत्रीय सहयोग से यह मॉडल दिल्ली के लिए उपयोगी हो सकता है।
दिल्ली का मौजूदा संकट
दिल्ली में 15 दिसंबर को AQI 447 तक पहुंचा, जबकि उसी दिन बीजिंग का AQI मात्र 67 था, जो चीन की प्रगति को रेखांकित करता है। GRAP-4 लागू होने के बावजूद स्मॉग की चादर बनी हुई है, जिसमें वाहन उत्सर्जन, पराली जलाना और उद्योग मुख्य वजहें हैं। CPCB के अनुसार, इंडिया गेट पर AQI 380 और सराय काले खां पर 359 दर्ज किया गया।
बीजिंग मॉडल के प्रमुख सुझाव
चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने X पर पोस्ट कर वाहन उत्सर्जन पर काबू के लिए चीन-6 मानक (Euro-6 के बराबर) अपनाने, पुराने वाहनों को हटाने और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।
सडकों पर कारों की कमी : चीन ने बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए लाइसेंस प्लेट लॉटरी और ऑड-ईवन नियम लागू किया जिसके तहत राजधानी बीजिंग में एक दिन ऑड नंबर वाली गाड़ियां तो दूसरे दिन इवन नंबर वाली गाड़ियां ही चलती थी।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट और E-वाहन पर जोर : चीन ने प्रदूषण से निपटने के लिए सार्वजनिक वाहनों (मेट्रो और बस) के नेटवर्क बढ़ाया ताकि लोग निजी वाहनों का कम प्रयोग करें।
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