दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब ब्रिज पर तिरंगा लेकर क्यों उतरे पीएम मोदी?
यह पुल चिनाब नदी पर बना है और इसे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज माना जाता है। यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर में हैं। यहां उन्होंने रियासी जिले में बने चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी तिरंगा लहराते नजर आए। यह चीन और पाकिस्तान के लिए कड़ा संदेश था, जो बार-बार भारत की सीमाओं और संप्रभुता को चुनौती देते रहते हैं।
यह पुल चिनाब नदी पर बना है और इसे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज माना जाता है। यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। चिनाब ब्रिज की ऊंचाई 359 मीटर (करीब 1,178 फीट) है, जो एफिल टावर से भी ऊंचा है। स्टील और कंक्रीट से बना यह ब्रिज न सिर्फ इंजीनियरिंग के नजरिए से अहम है, बल्कि कश्मीर घाटी को शेष भारत से रेल से जोड़ने की दिशा में भी ऐतिहासिक कदम है। उद्घाटन से पहले पीएम मोदी ने चिनाब रेल ब्रिज का निरीक्षण किया और निर्माण कार्य में लगे इंजीनियरों और श्रमिकों से बातचीत की, उन्होंने इस अभूतपूर्व इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट के तकनीकी पहलुओं की जानकारी ली।
भूकंप और तेज हवाओं को सहने में सक्षम चिनाब ब्रिज
1,315 मीटर लंबा यह पुल भूकंप और तेज़ हवाओं को झेलने में सक्षम है। यह पुल उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल मार्ग का हिस्सा है और इसके खुलने से जम्मू से कश्मीर घाटी तक रेल संपर्क में बड़ा बदलाव आएगा।
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी मिली हरी झंडी
PM मोदी ने आज श्री माता वैष्णो देवी कटरा (SVDK) और श्रीनगर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर ट्रेन के लोको पायलट रामपाल शर्मा ने गहरी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि यह ट्रेन सिर्फ परिवहन का साधन नहीं है, बल्कि देश का एक सपना है जिसे साकार होते देखा है।
रामपाल शर्मा ने कहा, “यह हम सभी भारतीयों के लिए एक गौरव का क्षण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और भारतीय रेलवे के समर्पित इंजीनियरों और कर्मचारियों ने यह असाधारण कार्य कर दिखाया, यह आसान नहीं था, यह रूट बेहद कठिन और तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इंजीनियरों की कड़ी मेहनत, लगन और समर्पण ने इसे मुमकिन बनाया।”
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