वंदे भारत ट्रेन चिनाब नदी के ऊपर से गुजरी तो क्यों भावुक हुए फारूक अब्दुला?
उन्होंने कहा कि जब ट्रेन ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को पार किया तो वह क्षण बेहद भावुक करने वाला था और उनकी आंखें भर आईं।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार (10 मई) को उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) रूट पर चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस से यात्रा की। उन्होंने इस अत्याधुनिक ट्रेन से नौगाम (श्रीनगर) से श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन तक का सफर किया। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान फारूक अब्दुल्ला ने परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब ट्रेन ने चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल को पार किया तो वह क्षण बेहद भावुक करने वाला था और उनकी आंखें भर आईं।
मेरी आंखों में आंसू आ गए- फारूक अब्दुल्ला
साथ ही फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'यह जम्मू-कश्मीर को पूरे देश से जोड़ने वाला सबसे बड़ा तोहफा है। जब हम चिनाब ब्रिज से गुज़रे तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। आखिरकार वो दिन आ गया जब हम ट्रेन से कश्मीर से देश के बाकी हिस्सों में जा सकते हैं। मैं उन सभी इंजीनियरों और मजदूरों को बधाई देता हूं जिन्होंने यह पुल बनाया।'
यह अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था- फारूक
उन्होंने यह भी कहा कि यह ट्रेन न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि व्यापार के लिए भी एक नई दिशा खोलेगी। अब हमारे प्रोडक्ट्स कन्याकुमारी, पटना, कोलकाता और मुंबई तक पहुंच सकेंगे। इससे हमारे व्यापार को काफी लाभ मिलेगा। यह अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था, जिसे मनमोहन सिंह ने आगे बढ़ाया और मोदी जी ने पूरा किया। मैं भारतीय रेलवे के सभी इंजीनियरों और मजदूरों का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मिलकर यह सपना साकार किया। फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि यह रेलवे लाइन बर्फबारी में भी बंद नहीं होगी, जिससे लोगों को सस्ती और लगातार यात्रा की सुविधा मिलेगी।
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