कौन हैं वो संत भोले बाबा? जिनके सत्संग के दौरान हुआ दर्दनाक हादसा?
एक रिपोर्ट के मुताबिक संत भोले बाबा मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) के पटियाली गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि पहले वो उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे
उत्तर प्रदेश के हाथरस में बड़ा हादसा हुआ है। यहां एक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलेराई गांव में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हुआ है। हाथरस भगदड़ में 116 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। साथ ही इस हादसे में 100 से ज्यादा श्रद्धालु घायल हुए हैं। जानकारी के मुताबिक ये आंकड़े और बढ़ सकते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि भोले बाबा कौन हैं, जिनके सत्संग में इतना बड़ा हादसा हो गया।
कौन हैं संत भोले बाबा?
एक रिपोर्ट के मुताबिक संत भोले बाबा मूल रूप से कांशीराम नगर (कासगंज) के पटियाली गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि पहले वो उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे, लेकिन 18 साल की सेवा के बाद उन्होंने वीआरएस ले लिया। उन्होंने बताया कि वो अपने गांव में झोपड़ी बनाकर रहते हैं और उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में घूम-घूम कर लोगों को भगवान की भक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। भोले बाबा खुद कहते हैं कि बचपन में वह अपने पिता के साथ खेतों में काम करते थे। बड़े होने पर वह पुलिस में भर्ती हो गए। वह प्रदेश के एक दर्जन थानों के साथ ही खुफिया इकाई में भी तैनात रह चुके हैं। विश्व हरि भोले बाबा को उनके अनुयायी भोले बाबा कहकर पुकारते हैं।
विवादों से उनका पुराना नाता रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि कासगंज जिले के पटियाली के बहादुर नगर निवासी साकार विश्व हरि भोले बाबा ने 17 साल पहले पुलिस विभाग की नौकरी छोड़कर सत्संग शुरू किया था। भोले बाबा के उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी बड़ी संख्या में अनुयायी हैं। मेरा कोई गुरु नहीं है संत भोले बाबा के अनुसार मेरा कोई गुरु नहीं है। मुझे भगवान से बहुत लगाव है। मैंने एक बार उनका साक्षात्कार किया था। उसके बाद मैंने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण के लिए समर्पित कर दिया। संत भोले बाबा के लाखों अनुयायी हैं। कोरोना काल में बरती गई लापरवाही
2 साल पहले भी जब देश में कोरोना की लहर चल रही थी, तब मई, 2022 में उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में उनका सत्संग आयोजित किया गया था। जिला प्रशासन ने सत्संग में सिर्फ 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी थी, लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए 50 हजार से ज्यादा लोग सत्संग में शामिल हुए। यहां भीड़ के कारण शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई।
मीडिया से बनाए रखते हैं दूरी
भोले बाबा और उनके अनुयायी मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं। भोले बाबा के एक भक्त ने बताया कि उनके जीवन में कोई गुरु नहीं है। वीआरएस लेने के बाद अचानक उनका भगवान से साक्षात्कार हुआ और तभी से उनका झुकाव आध्यात्म की ओर हो गया। भगवान की प्रेरणा से उन्हें पता चला कि यह शरीर उसी भगवान का अंश है। उनका असली नाम सूरज पाल है। वे कासगंज के रहने वाले हैं।
क्या है पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलेराई गांव में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मच गई। हादसे में 87 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। साथ ही इस हादसे में 100 से ज्यादा श्रद्धालु भी घायल हुए हैं। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। सीएमओ ने इसकी पुष्टि की है। घटना की जानकारी मिलने के बाद आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं।
क्या है वजह?
इस कार्यक्रम में कई हजार लोग मौजूद थे। कार्यक्रम के आयोजकों ने कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी। लेकिन कार्यक्रम में मौजूद श्रद्धालुओं की संख्या प्रशासन को दी गई सूचना से कहीं ज्यादा थी।
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