खेतों के बीच शादी... कनाडा से आई दुल्हन की बारात! जानें क्या है पूरा मामला
शादियों की परंपरा के अनुसार आमतौर पर दूल्हा बारात लेकर दुल्हन के घर जाता है, लेकिन पंजाब के फिरोजपुर में हुई एक अनोखी शादी ने इस प्रथा को बदलकर एक नया उदाहरण पेश किया। इस शादी में दुल्हन खुद बारात लेकर दूल्हे के घर पहुंची, और वह भी सात समंदर पार से, यानी कनाडा से। यह विवाह न केवल अनूठा था बल्कि इसमें कई सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश भी छिपे थे।

खेतों के बीच हुआ विवाह समारोह
इस अनोखी शादी में दुल्हन हरमन कौर अपनी बारात लेकर दूल्हे दुर्लभ सिंह के घर पहुंची। इस विवाह समारोह की एक और खासियत थी कि इसे पारंपरिक शादी हॉल या होटल की बजाय खेतों के बीच आयोजित किया गया था। दूल्हे के परिवार ने खेत में खड़ी गेहूं की फसल के बीच टेंट लगाया और वहीं पर सभी बारातियों और मेहमानों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई। इस तरह, शादी न केवल एक पारंपरिक आयोजन रही, बल्कि इसने पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति से जुड़ाव का भी संदेश दिया।
दुल्हन ने बताई अनोखी शादी के पीछे की वजह
हरमन कौर और दुर्लभ सिंह कनाडा में रहते हैं, लेकिन अपनी मिट्टी से जुड़े रहने के लिए उन्होंने अपनी शादी पंजाब में करने का फैसला किया। हरमन ने बताया, 'शादी के बाद पति का जो कुछ होता है, वह पत्नी का भी हो जाता है, इसलिए मैं अपने पति के घर बारात लेकर आई हूं। हमने अपनी शादी को खास बनाने के लिए खेत में टेंट लगाकर शादी की।' इसके अलावा, उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए शादी स्थल को हरे-भरे पौधों से सजाया और समारोह के अंत में रिश्तेदारों को पौधे उपहार में दिए।
शादी के पीछे एक गहरी सोच
हरमन और दुर्लभ ने बताया कि वे पंजाब के किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर हरियाणा बॉर्डर पर किए जा रहे आंदोलन से प्रेरित हुए हैं। उन्होंने शादी खेत में कर यह संदेश दिया कि वे अपनी जड़ों से कभी दूर नहीं होंगे और हमेशा अपनी मातृभूमि से जुड़े रहेंगे। उनकी यह शादी किसानों के संघर्ष को समर्पित थी। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में किसानों का पहला आंदोलन हुआ था, तब भी उन्होंने किसानों की मदद की थी और अब वे अपने विवाह समारोह के जरिए भी इस सोच को आगे बढ़ाना चाहते हैं।
किसानों को समर्पित यह विवाह
दुल्हन हरमन कौर ने कहा, 'हमारी शादी किसानों को समर्पित है, ताकि अन्य किसान परिवार भी इससे प्रेरणा लेकर अपने खेतों में पारंपरिक शादियों की परंपरा को दोबारा जीवित कर सकें। आजकल बड़े-बड़े पैलेस और शादी हॉल में शादियां होती हैं, लेकिन पुराने समय में लोग अपने घरों और खेतों में ही विवाह समारोह आयोजित करते थे। हम उसी परंपरा को फिर से जीवंत करना चाहते हैं।'
दूल्हे दुर्लभ सिंह ने भी इस पर जोर दिया कि वे किसान हैं और उनके लिए खेतों का महत्व सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा, 'हमें किसानों के संघर्ष से यह सीख मिली कि हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना चाहिए। इसलिए हम कनाडा से अपनी मिट्टी में शादी करने के लिए विशेष रूप से आए हैं।'
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