संगठन नहीं बनने के कारण मिली चुनाव में हार – अशोक अरोड़ा
कांग्रेस की आला कमान को हरियाणा में कांग्रेस का संगठन तुरंत बनाना चाहिए, क्योंकि बिना संगठन के कोई भी राजनीतिक दल ना मजबूत होता है और ना ही सत्ता तक पहुंचता है।
चंद्रशेखर धरणी : विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार को लेकर जहां पार्टी की ओर से अब तक मंथन किया जा रहा है। वहीं, पार्टी के नेता भी अपने-अपने स्तर पर हार के कारणों का खुलासा कर रहे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक अरोड़ा ने हार के कारण बताते हुए कहा कि हरियाणा में पार्टी का संगठन नहीं होने से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले कई सालों से कांग्रेस का संगठन नहीं बन पा रहा है। कांग्रेस की आला कमान को हरियाणा में कांग्रेस का संगठन तुरंत बनाना चाहिए, क्योंकि बिना संगठन के कोई भी राजनीतिक दल ना मजबूत होता है और ना ही सत्ता तक पहुंचता है।
चौधरी बीरेंद्र सिंह द्वारा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान का इस्तीफा मांगे जाने पर उन्होंने कहा कि बीरेंद्र सिंह कांग्रेस में बड़े कद वाले नेता है। कांग्रेस की हार के कारणों पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस में नेताओं को भी संगठन की क्षमता का अंदाजा होना चाहिए, क्योंकि बिना संगठन की क्षमता के कोई भी राजनीतिक दल मजबूत नहीं हो सकता। अशोक अरोड़ा ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ, उस समय एक देश-एक चुनाव की ही परंपरा थी। भाजपा अब जो एक देश-एक चुनाव की बात कर रही है। वह भाजपा को सबसे पहले सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठकर इस प मंथन करना अनिवार्य था। लोकसभा या राज्यसभा में कोई भी ऐसी चीज लाने से पहले देश में सभी राजनीतिक दलों की एक सोच बनाए जाने का प्रयास होना चाहिए।
दरबार लगाने की बजे जनहित के कार्य़ करे सरकार
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से प्रदेश में शुरू किए जाने वाले जनता दरबार को लेकर अशोक अरोड़ा ने कहा कि इस प्रकार के दरबार पहले भी लगते रहे हैं, लेकिन सरकार को दरबार लगाने की बजाए जनहित के कार्यों पर ध्यान देना चाहिए, जिससे जनता को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि केवल घोषणाएं करने या फिर भीड़ को इकट्ठा करने से काम नहीं चलता, क्योंकि जनता सरकार से न्याय और अपने कामों की अपेक्षा करती है।
चुनाव के लिए तैयार
पूर्व मंत्री व थानेसर विधानसभा से कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने कहा कि निकाय चुनावों को लेकर पार्टी पूरी तरह से तैयार है। कांग्रेस ने नगर निगम का चुनाव सिंबल पर लड़ा था। नगर परिषद व पालिका का चुनाव भी सिंबल पर लड़ना चाहिए, क्योंकि 35 फीसदी से ज्यादा आबादी शहरों में रहती है। इसलिए शहरों के चुनाव पार्टी को सिंबल पर लड़ने चाहिए। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व को लेना है।
हरियाणा नहीं केंद्र सरकार से किसानों की लड़ाई
अरोड़ा ने किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान पर स्पष्ट किया कि किसानों की लड़ाई हरियाणा सरकार से नहीं है और न ही उनकी मांग हरियाणा से संबंधित है। किसानों की लड़ाई केंद्र सरकार से है और वे दिल्ली जाना चाहते हैं, इसलिए रास्ते बाधित करके किसानों को रोकना गलत है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकार ने किसानों को ट्रैक्टर-ट्राॅलियों पर जाने से रोका, अब किसान पैदल दिल्ली जाना चाहते हैं। मगर अब भी सरकार किसानों को पैदल जाने से रोकने के लिए रास्ते बाधित कर रही है।
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