वक्फ संशोधन बिल को मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, अस्तित्व में आया नया कानून
संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। इससे पहले लोकसभा में इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े थे।

संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक अब कानून बन गया है। इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के साथ ही वक्फ संशोधन विधेयक अब कानून बन गया है। अब यह कानून पूरे देश में लागू होगा।
संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। इससे पहले लोकसभा में इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े थे। विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में इसका कड़ा विरोध किया था। विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे असंवैधानिक करार दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सरकार से विधेयक वापस लेने की अपील की थी।
बिल को लेकर सरकार का दावा
संसद के दोनों सदनों से पारित इस विधेयक के बारे में सरकार का दावा है कि इससे वक्फ प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता को बढ़ावा मिलेगा। अपने अधिकारों से वंचित गरीब मुसलमानों को उनका हक मिलेगा। देश में मुसलमानों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
वक्फ बिल को मिला नाम
संशोधनों और राष्ट्रपति मुर्मू की मंजूरी के बाद अब इस बिल का नाम यूनिफाइड मैनेजमेंट एम्पावरमेंट एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (UMEED) हो गया है। यह कानून सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को वक्फ संपत्तियों पर समान उत्तराधिकार अधिकार मिले, जो लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और मुस्लिम महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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