पूरे देश में होगा वोटर लिस्ट रिवीजन का काम, ड्राफ्ट लिस्ट में जिसका नाम नहीं उसे दिया जाएगा मौका- SC
चुनाव आयोग ने भी कोर्ट में कहा कि जिन लोगों के नाम हटाए जाएंगे, उन्हें अपनी बात रखने और दस्तावेज देने का पूरा अवसर मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चुनाव से पहले वोटर लिस्ट (मतदाता सूची) के विशेष रिवीजन (Special Intensive Revision) को लेकर सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया से कई लोगों के नाम बिना पर्याप्त सूचना के हटाए जा सकते हैं, जिससे उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं मिलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वोटर लिस्ट रिवीजन की प्रक्रिया जारी रह सकती है, लेकिन ड्राफ्ट लिस्ट (प्रारंभिक सूची) में जिनका नाम नहीं है, उन्हें नाम जोड़ने का पूरा मौका दिया जाएगा।
कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड को पहचान के लिए स्वीकार किया जाए।
कोर्ट ने कहा, “यह न्याय के हित में होगा कि इन तीनों दस्तावेजों को भी स्वीकार किया जाए।” हालांकि, अंतिम निर्णय चुनाव आयोग के विवेक पर छोड़ा गया है कि वह दस्तावेजों को स्वीकार या अस्वीकार करने का कारण बताए।
अगर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में किसी नागरिक का नाम नहीं आता है, तो उसे अपनी पहचान और नागरिकता के दस्तावेज देकर नाम जुड़वाने का मौका मिलेगा।
चुनाव आयोग ने भी कोर्ट में कहा कि जिन लोगों के नाम हटाए जाएंगे, उन्हें अपनी बात रखने और दस्तावेज देने का पूरा अवसर मिलेगा।
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई बिहार के संदर्भ में थी, लेकिन यह मामला देशभर के लिए मिसाल बन सकता है, क्योंकि चुनाव आयोग ने कई राज्यों में इसी तरह के रिवीजन की योजना बनाई है।
What's Your Reaction?






