नाइजीरिया में ISIS के ठिकानों पर अमेरिका की 'एयर स्ट्राइक', ट्रंप बोले- ‘इस्लामी आतंक को पनपने नहीं देंगे’

ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट कर कहा कि यह हमला उन आतंकवादियों को निशाना बनाकर किया गया, जो कथित तौर पर लंबे समय से निर्दोष ईसाइयों की हत्या में शामिल थे।

Dec 26, 2025 - 09:46
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नाइजीरिया में ISIS के ठिकानों पर अमेरिका की 'एयर स्ट्राइक', ट्रंप बोले- ‘इस्लामी आतंक को पनपने नहीं देंगे’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार (स्थानीय समय) को उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) के खिलाफ एक घातक सैन्य कार्रवाई किए जाने का दावा किया है। ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट कर कहा कि यह हमला उन आतंकवादियों को निशाना बनाकर किया गया, जो कथित तौर पर लंबे समय से निर्दोष ईसाइयों की हत्या में शामिल थे।

ट्रंप ने लिखा, “कमांडर इन चीफ के रूप में मेरे निर्देश पर, अमेरिका ने उत्तर-पश्चिमी नाइजीरिया में ISIS के आतंकवादी गिरोह के खिलाफ एक शक्तिशाली और घातक हमला किया। ये आतंकी कई वर्षों से मुख्य रूप से निर्दोष ईसाइयों को बेरहमी से मार रहे थे।”

आतंकवादियों को दी कड़ी चेतावनी

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्होंने पहले ही इन आतंकवादियों को चेतावनी दी थी कि अगर ईसाइयों का नरसंहार नहीं रुका तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। “आज रात वही हुआ,” ट्रंप ने कहा। उनके मुताबिक, अमेरिकी रक्षा विभाग ने कई सटीक हमले किए, “जैसा कि केवल अमेरिका ही कर सकता है।”

“कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को पनपने नहीं देंगे”

अपने बयान में ट्रंप ने दोहराया कि उनके नेतृत्व में अमेरिका कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को किसी भी सूरत में पनपने नहीं देगा। उन्होंने कहा, “ईश्वर हमारी सेना को आशीर्वाद दे, और सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं उन आतंकवादियों को भी, जिनकी संख्या और बढ़ेगी अगर वे ईसाइयों का नरसंहार जारी रखते हैं।”

ISIS-वेस्ट अफ्रीका की पृष्ठभूमि

अमेरिकी राष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी केंद्र के अनुसार, 2015 में बोको हराम द्वारा ISIS के प्रति निष्ठा की शपथ लेने के बाद ISIS-वेस्ट अफ्रीका (ISIS-WA) का गठन हुआ था। अमेरिका का दावा है कि यह संगठन क्षेत्रीय सैन्य ठिकानों, नागरिक रक्षा बलों, सरकारी कर्मियों, बुनियादी ढांचे और ईसाई समुदाय को लगातार निशाना बनाता रहा है।

सीरिया में भी हुए बड़े हवाई हमले

इससे पहले 19 दिसंबर (स्थानीय समय) को अमेरिकी और जॉर्डन की सेनाओं ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए थे। इन हमलों में 100 से अधिक सटीक निर्देशित गोला-बारूद का इस्तेमाल कर 70 से ज्यादा ISIS ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

“शक्ति के बल पर शांति” का संदेश

अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) ने इन हमलों को “शक्ति के बल पर शांति का प्रदर्शन” बताया था। सेंटकॉम की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह अभियान रात भर चला और इसके फुटेज भी सार्वजनिक किए गए। यह कार्रवाई सीरिया के पल्मायरा शहर के पास अमेरिकी और सहयोगी सेनाओं के काफिले को निशाना बनाने वाले एक संदिग्ध ISIS हमले के कुछ दिनों बाद की गई। अमेरिकी प्रशासन के इन दावों के बाद नाइजीरिया और पश्चिम अफ्रीका क्षेत्र में सुरक्षा हालात को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है।

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