UP News : SIR से कुल 2.89 करोड़ वोटर्स के नाम कटे, फाइनल वोटर लिस्ट फरवरी में होगी जारी
31 दिसंबर से 21 फरवरी तक उन मतदाताओं को नोटिस दिए जाएंगे जिनके रिकाॅर्ड नहीं मिल पाए हैं।
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR का काम पूरा हो गया है। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने इसकी जानकारी जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत अब तक कुल 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से काटे जा चुके हैं। निर्वाचन आयोग के इस अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी और अद्यतन बनाना है, ताकि फर्जी वोटिंग रोकी जा सके। राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, फाइनल मतदाता सूची फरवरी 2026 में जारी की जाएगी।
यह प्रदेश की मतदाता सूची में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव है। जो कुल मतदाताओं का लगभग 18.7 फीसदी है, अब ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद 31 दिसंबर से 30 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां ली जाएंगी। इसी तरह 31 दिसंबर से 21 फरवरी तक उन मतदाताओं को नोटिस दिए जाएंगे जिनके रिकाॅर्ड नहीं मिल पाए हैं।
यह अभियान जुलाई 2025 से चल रहा है और इसमें घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कुल 15 करोड़ से अधिक मतदाताओं वाली सूची में से 2.89 करोड़ नाम विभिन्न कारणों से हटाए गए हैं, जिनमें मृत मतदाता, स्थानांतरित व्यक्ति और दोहरी प्रविष्टियां शामिल हैं। सबसे अधिक नाम ग्रामीण इलाकों से कटे हैं, जहां सत्यापन प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
प्रमुख आंकड़े:
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कुल कटे नाम: 2.89 करोड़
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प्रभावित जिले: सभी 75 जिले, विशेषकर पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र
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प्रक्रिया की स्थिति: 90% से अधिक पूर्ण, शेष जनवरी तक समाप्त
निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सूची को शुद्ध करने के लिए आवश्यक है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे अपने नाम की स्थिति ऑनलाइन चेक करें और आपत्ति दर्ज कराएं। वोटर हेल्पलाइन ऐप या nvsp.in पोर्टल पर विवरण उपलब्ध हैं।
राज्य सरकार का कहना है कि SIR से लोकतंत्र मजबूत होगा, लेकिन विपक्ष इसे राजनीतिक साजिश बता रहा है। फाइनल लिस्ट जारी होने के बाद ही स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी।
दावे और आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 28 फरवरी को होगा। बता दें, यूपी में निर्वाचन आयोग ने SIR का टाइम बढ़ाने की मांग दिल्ली चुनाव आयोग से की थी। हालांकि, आयोग ने तीसरी बार SIR की तारीख नहीं बढ़ाई हैं।
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