उत्तराखंड में आज से लागू होगा UCC, बहुविवाह और हलाला जैसी प्रथाओं का होगा अंत
यूसीसी लागू होने के बाद राज्य सरकार जागरूकता अभियानों की योजना बना रही है ताकि नागरिकों को इस कानून के बारे में जानकारी मिल सके।

उत्तराखंड में आज से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो जाएगी, जिसके बाद उत्तराखंड यह कानून लागू करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बन जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में यह कानून लागू किया जाएगा, जिसके लिए तीन वर्षों की मेहनत और तैयारी की गई थी।
यूसीसी का महत्व
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित करना है। यह कानून शादी, तलाक, और उत्तराधिकार जैसे मुद्दों पर सभी धर्मों के लिए समान प्रावधान करेगा। इससे बहुविवाह और हलाला जैसी प्रथाओं का अंत होगा, जो सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
पोर्टल और नियमावली का उद्घाटन
यूसीसी के साथ ही एक ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किया गया है, जो नागरिकों को इस कानून से संबंधित सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने इस पोर्टल का उद्घाटन 27 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे किया। इसके अलावा, विभिन्न विभागों और अधिकारियों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए निर्देशित किया गया था।
तैयारी और प्रक्रिया
यूसीसी लागू करने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न विशेषज्ञ समितियों का गठन किया था, जिसमें कानूनी विशेषज्ञ, समाजशास्त्री, और प्रशासनिक अधिकारी शामिल थे। इन समितियों ने कानून के मसौदे को तैयार किया और इसकी व्यवहारिकता का परीक्षण किया। इसके अलावा, यूसीसी पोर्टल की मॉक ड्रिल भी सफलतापूर्वक संपन्न हुई थी।
प्रधानमंत्री का आगमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को देहरादून आएंगे, और यूसीसी का लागू होना राज्य सरकार की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। इसे केंद्र सरकार की विकासशील नीतियों के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।
जागरूकता अभियान
यूसीसी लागू होने के बाद राज्य सरकार जागरूकता अभियानों की योजना बना रही है ताकि नागरिकों को इस कानून के बारे में जानकारी मिल सके। इसके तहत वीडियो सामग्री और अन्य संसाधनों का उपयोग किया जाएगा।
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