अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में उथल-पुथल, कुलदीप बिश्नोई और प्रधान देवेंद्र बूड़िया आमने-सामने
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई और प्रधान देवेंद्र बूड़िया आमने-सामने हो गए हैं।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़: अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा का विवाद लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई और प्रधान देवेंद्र बूड़िया आमने-सामने हो गए हैं। दोनों ने एक-दूसरे को उनके पदों से हटा दिया है। कुलदीप बिश्नोई ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर देवेंद्र बूड़िया को अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के अध्यक्ष पद से हटाने की जानकारी दी है। कुलदीप बिश्नोई ने देवेंद्र बूडिया को उनके पद से हटाने के साथ ही उनके स्थान पर परसराम बिश्नोई को नया प्रधान नियुक्त किया है।
इसके साथ ही देवेंद्र बूडिया ने कुलदीप बिश्नोई पर एक्शन लेते हुए उन्हें संरक्षक के पद से हटाने का पत्र जारी कर दिया। पत्र में कहा गया है कि कुलदीप बिश्नोई के बेटे ने अंतरजातीय विवाह किया, जिसकी वजह से संपूर्ण बिश्नोई समाज में रोष है। ऐसे में कुलदीप बिश्नोई संरक्षक पद पर नहीं रह सकते।
कुलदीप बिश्नोई ने पत्र में क्या लिखा था?
कुलदीप बिश्नोई ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' पर देवेंद्र बूड़िया को हटाने की जानकारी दी थी। उनकी तरफ से जारी पत्र में लिखा गया था कि अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा ने पिछले करीब 100 वर्षों से गुरु जंभेश्वर भगवान और मां अमृता देवी के दिखाए आदर्शों पर चलते हुए समाजसेवा, जीव और पर्यावरण रक्षा की दिशा में विलक्षण कार्य किए हैं। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के पवित्र संविधान की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा माना गया है कि महासभा का कोई भी प्रधान या सदस्य अपने पद पर रहते हुए निजी स्वार्थवश समाज को नुकसान पहुंचाने का कार्य करता है या अनुशासनहीनता करता है तो महासभा उसे पदमुक्त कर सकती है।
बिश्नोई की ओर लिखा गया, "देवेंद्र बूड़िया की ओर से पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में काफी तथ्यहीन, झूठी और समाज को बांटने वाली बातें कही जा रही हैं, जिससे समाज में बिखराव और टकराव की संभावनाएं नजर आ रही हैं। मेरे पास निजी तौर पर भी समाज के अनेक गणमान्य व्यक्तियों, साधु-संतों और महासभा के पदाधिकारी के साथ ही समाज के राजनीतिक व्यक्तियों की ओर से काफी शिकायतें आ रही हैं। साथ ही साथ विभिन्न निर्माण कार्यों में टेंडर प्रक्रियाओं का भी पालन उनकी ओर से नहीं किया गया। समाज की एकता बनाए रखने के लिए, समाज में महासभा के पदाधिकारियों के प्रति विश्वास बना रहे और समाज में बंटवारा न हो और आपसी भाईचारा बना रहे, इसलिए अखिल भारतीय विश्नोई महासभा का संरक्षक होने के नाते मैं तुरंत प्रभाव से देवेंद्र बूड़िया को पदमुक्त करता हूं।"
संपूर्ण बिश्नोई समाज में भारी रोष
देवेंद्र बुडिया की ओर से जारी लेटर में कहा गया है कि आप महासभा के सरंक्षक पद पर है। यह सम्मानित पद है। ऐसे पद पर बिश्नोई समाज का गौरव होता है। आप पर अपने पुत्र का अंतरजातीय विवाह करने का सत्य आरोप है। जिससे संपूर्ण बिश्नोई समाज में भारी रोष है। ऐसी स्थिति में इस पर नहीं रह सकते। आपको अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक पद से पदमुक्त किया जाता है।
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