ट्रंप का अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक और बड़ा एक्शन, जानें
ट्रम्प ने चेतावनी दी कि जो लोग इस विकल्प का उपयोग करके स्व-निर्वासन नहीं करते हैं, उन्हें जबरन निष्कासन का सामना करना पड़ेगा और फिर से प्रवेश पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाएगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को CBP होम ऐप लॉन्च करने की घोषणा की, जो एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे व्यक्तियों को स्वेच्छा से देश छोड़ने की अनुमति देता है। ट्रम्प ने चेतावनी दी कि जो लोग इस विकल्प का उपयोग करके स्व-निर्वासन नहीं करते हैं, उन्हें जबरन निष्कासन का सामना करना पड़ेगा और फिर से प्रवेश पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाएगा।
हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि जो लोग स्वेच्छा से देश छोड़ने का विकल्प चुनते हैं, उन्हें भविष्य में कानूनी रूप से अमेरिका में प्रवेश करने का अवसर मिल सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कही ये बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हमारे देश में अवैध रूप से रह रहे लोग या तो स्वेच्छा से आसान तरीके से निर्वासित होने का विकल्प चुन सकते हैं या उन्हें मुश्किल तरीके से निर्वासित किया जाएगा, जो सुखद नहीं होगा। बिडेन प्रशासन ने CBP One ऐप का उपयोग करके 1 मिलियन से अधिक अवैध अप्रवासियों को अमेरिका में प्रवेश करने की अनुमति दी। अब मेरा प्रशासन हमारे देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों को स्वेच्छा से देश छोड़ने का आसान तरीका देने के लिए CBP होम ऐप लॉन्च कर रहा है।'
उन्होंने आगे कहा, "अगर वे स्वेच्छा से देश छोड़ते हैं, तो उन्हें भविष्य में किसी समय कानूनी रूप से लौटने का अवसर मिल सकता है। लेकिन अगर वे इस अवसर का लाभ नहीं उठाते हैं, तो उनकी तलाशी ली जाएगी और उन्हें निर्वासित कर दिया जाएगा और उन्हें फिर कभी संयुक्त राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आप फिर कभी नहीं आ पाएंगे।" ट्रंप ने यह भी बताया कि CBP होम ऐप के माध्यम से स्वैच्छिक निर्वासन सरकारी संसाधनों को बचा सकता है। उन्होंने कहा कि यह ऐप अब सभी मोबाइल ऐप स्टोर पर मुफ्त में उपलब्ध है।
ट्रंप प्रशासन को करना पड़ा था आलोचना का सामना
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब ट्रंप प्रशासन ने सैकड़ों अप्रवासियों को निर्वासित कर दिया है, लेकिन उनकी पहचान या उनके खिलाफ सबूतों का खुलासा करने से इनकार कर दिया है। इसके कारण अप्रवासियों के परिवारों और नागरिक अधिकार समूहों ने प्रशासन की आलोचना की है। उनका तर्क है कि यह कदम नागरिक स्वतंत्रता को कमजोर कर रहा है।
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