हरियाणा में 28 फरवरी तक लागू होंगे तीन नए आपराधिक कानून, CM सैनी ने की समीक्षा बैठक
हरियाणा 28 फरवरी तक तीन नए आपराधिक कानून लागू करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

एमएच वन ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा 28 फरवरी तक तीन नए आपराधिक कानून लागू करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, क्रमशः औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। संसद द्वारा कानून पारित किए जाने के बाद यह एक जुलाई को लागू हो गए है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स एक्स पर कहा कि हरियाणा में 28 फरवरी तक तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे। "राज्य में लागू किए जाने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों और विकास कार्यों की प्रगति के बारे में अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।"
बैठक में मौजूद अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कानूनों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए संबंधित कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। सीएम ने कहा कि नए प्रावधानों के तहत, पुलिस स्टेशनों को हाई-स्पीड इंटरनेट सुविधाओं से लैस किया जाना चाहिए और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश होने और गवाही देने की व्यवस्था की जानी चाहिए। बयान में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया कि अधिकारियों को पीड़ितों के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए "जीरो एफआईआर" की निगरानी जैसे उपायों के कार्यान्वयन में भी तेजी लानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने राज्य में फोरेंसिक मोबाइल वैन की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में राज्य में 23 मोबाइल फोरेंसिक साइंस यूनिट कार्यरत हैं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 40 की जाएगी। बैठक के दौरान गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मिश्रा ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि नए आपराधिक कानूनों के तहत अधिकांश प्रावधान पहले ही लागू किए जा चुके हैं। इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम के साथ पूरी तरह से एकीकृत किया गया है।
बैठक में डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि ई-साक्ष्य ऐप के माध्यम से आपराधिक मामलों में सभी साक्ष्यों का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जा रहा है। लगभग 60 प्रतिशत मामलों में ई-समन जारी किए जा रहे हैं और 28 फरवरी तक इसे बढ़ाने के प्रयास तेज किए जाएंगे। डीजीपी ने कहा कि इसके अलावा, 77 प्रतिशत आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया है, जिससे समय और लागत में काफी बचत हुई है। बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्य सचिव विवेक जोशी भी मौजूद थे।
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