हरियाणा : रीडिंग के आधार पर बिल नहीं बनाना रीडर को पड़ा महंगा, सेवा का अधिकार आयोग ने लगाया हजारों का जुर्माना !

हरियाणा के फतेहाबाद में सेवा का अधिकार आयोग ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के जाखल कार्यालय पर कड़ा संज्ञान लेते हुए मीटर रीडर से पांच हजार रुपए का जुर्माना वसूलने के आदेश दिए हैं।

Jul 30, 2024 - 14:46
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हरियाणा : रीडिंग के आधार पर बिल नहीं बनाना रीडर को पड़ा महंगा, सेवा का अधिकार आयोग ने लगाया हजारों का जुर्माना !
हरियाणा : रीडिंग के आधार पर बिल नहीं बनाना रीडर को पड़ा महंगा, सेवा का अधिकार आयोग ने लगाया हजारों का जुर्माना !

सज्जन कुमार, चंडीगढ़ : हरियाणा के फतेहाबाद में सेवा का अधिकार आयोग ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के जाखल कार्यालय पर कड़ा संज्ञान लेते हुए मीटर रीडर से पांच हजार रुपए का जुर्माना वसूलने के आदेश दिए हैं। आयोग ने यह जुर्माना उपभोक्ता को हुई असुविधा व अधिसूचित सेवा निर्धारित समय सीमा में न देने और कार्य में देरी करने के कारण लगाया गया है।

11 मार्च को बिजली निगम में दी थी शिकायत

प्रवक्ता ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता सोनिका ने बिल रीडिंग से सम्बंधित शिकायत 11 मार्च 2024 को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम जाखल कार्यालय में दी थी। बिल रीडर द्वारा गलत मीटर रीडिंग के आधार पर बिल बनाया गया था। गौरतलब है कि पिछले 2 वर्षो से शिकायतकर्ता का बिल वास्तविक रीडिंग के आधार पर जारी नहीं किया गया, लेकिन शिकायत के बाद भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। परेशान होकर उसने सेवा का अधिकार आयोग में शिकायत दी, जिसके बाद उसे न्याय मिला है।

औसत बिल के आधार पर जनरेट हो रहा था बिल

आयोग के मुख्य आयुक्त के समक्ष सुनवाई निर्धारित की गई। सुनवाई के बाद जांच में पाया कि मीटर रीडर जीवन दास, जो मीटर रीडिंग रिकॉर्ड करता था और मीटर की स्थिति को चालू दिखाता था, उसने जानबूझकर गलत कोड दर्ज किया था, जिसके कारण औसत बिल के आधार पर बिल जनरेट हो रहे थे। आयोग ने माना कि मीटर रीडर की ओर से चूक या धोखाधड़ी स्पष्ट है जिसके कारण उपभोक्ता को असुविधा का सामना करना पड़ा। इसलिए, आयोग ने मीटर रीडर पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया और डीएचबीवीएन जाखल कार्यालय को आदेश दिए कि मीटर रीडर के वेतन से जुर्माना काट लिया जाए। आयोग ने डीएचबीवीएन फतेहाबाद कार्यालय के एसई को निर्देश दिए कि वे उपभोक्ता को 5 हजार रुपए मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करने के बाद आयोग को सूचित करें।

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