हरियाणा में पहले भी हो चुका ऐसा, जब केंद्र में कोई ओर दल और राज्य में दूसरे दलों की बनी सरकार
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आ रहे है। वोटिंग और एग्जिट पोल के बाद एक तरफ कांग्रेस जहां सरकार बनाने का दावा ठोक रही है। वहीं, हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी दावा कर रहे हैं कि उनके पास भी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संसाधन है और तीसरी बार वह हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाएंगे।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार को आ रहे है। वोटिंग और एग्जिट पोल के बाद एक तरफ कांग्रेस जहां सरकार बनाने का दावा ठोक रही है। वहीं, हरियाणा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी दावा कर रहे हैं कि उनके पास भी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संसाधन है और तीसरी बार वह हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाएंगे। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बात किसकी सच होगी। लेकिन इन सब का जवाब 8 तारीख को जब EVM खुलेंगी तभी पता लगेगा।
कई मौकों पर हरियाणा में अलग और केंद्र में अलग सरकार
आपको बता दें कि इस बीच दावा यह भी किया जा रहा है कि जिसकी केंद्र में सरकार होती है, हरियाणा में भी उसी की सरकार होती है। बीजेपी के नेता इसे खूब प्रचारित कर रही है, वहीं आम जनता के बीच में भी यही धारणा है कि हरियाणा में अब तक जिसकी केंद्र में सरकार रही उसी की हरियाणा में भी सरकार रही। लेकिन ऐसा नहीं है आज हम आपको एक आंकड़ा बताने जा रहे हैं। जिससे आपको भी यह साफ हो जाएगा कि हरियाणा में ऐसी कोई बात नहीं है।
दरअसल बाद साल 1996/97 की करें तो हरियाणा में हरियाणा विकास पार्टी के साथ बीजेपी की गठबंधन की सरकार थी, जिसमें मुख्यमंत्री बंसीलाल थे, लेकिन केंद्र में कांग्रेस और अन्य दलों की मिली जुली सरकार थी। एचडी देवघर उसे समय प्रधानमंत्री थे। ऐसा इससे पहले भी हो चुका है जब साल 1987 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो वहीं हरियाणा में लोक दल की सरकार थी। जिसमें मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल थे। वहीं, बात साल 1999 की करें तो उसे वक्त भी हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल की सरकार थी। हालांकि बीजेपी उसमें भागीदार जरूर थी, लेकिन इतनी बड़ी पार्टी नहीं थी कि वह इंडियन नेशनल लोकदल की सरकार को गिरा सके। इस दौरान केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई की कई दलों के साथ मिली जुली सरकार थी।
पिछले 20 सालों में रहा ऐसा ट्रेंड
ऐसे में यह कहना बिल्कुल ही गलत होगा कि जिसकी सरकार केंद्र में होती है उसी की सरकार हरियाणा में होती है। हालांकि पिछले 20 सालों में ऐसा जरूर होता हुआ आया है कि जिस पार्टी की केंद्र में सरकार रही उसी पार्टी की हरियाणा में भी सरकार रही। लेकिन इस बार जिस तरीके से चुनाव के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आए हैं उनके दम पर कांग्रेस सत्ता में वापसी के संकेत दे रही है।
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