सीरिया में हुआ तख्तापलट, राष्ट्रपति देश छोड़ रूस भागे, विद्रोही समूह का राजधानी दमिश्क पर कब्जा !
सीरिया में सीरियाई सेना और विद्रोहियों के बीच लगभग दो हफ्ते से चली आ रही जंग का आखिरकार नतीजा देखने को मिल रहा है। सीरिया में भी तख्तापलट हो चुका है जहां विद्रोही समूहों ने राजधानी दमिश्क पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है।
सीरिया में सीरियाई सेना और विद्रोहियों के बीच लगभग दो हफ्ते से चली आ रही जंग का आखिरकार नतीजा देखने को मिल रहा है। सीरिया में भी तख्तापलट हो चुका है जहां विद्रोही समूहों ने राजधानी दमिश्क पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। वर्षों से चल रहे गृह युद्ध के बाद, विपक्षी लड़ाकों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार को उखाड़ फेंका। इस घटना ने न केवल सीरिया की राजनीतिक दिशा बदल दी है, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में एक नई हलचल पैदा कर दी है। राजधानी पर विद्रोहियों का कब्जा इस संघर्ष की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है।
राष्ट्रपति असद ने मास्को में ली शरण
राष्ट्रपति बशर अल-असद और उनके परिवार ने इस उथल-पुथल के बीच रूस के मास्को में शरण ले ली है। विद्रोहियों के बढ़ते दबाव और जनता के समर्थन के अभाव में असद का सीरिया छोड़ना लगभग तय माना जा रहा था। लंबे समय तक सत्ता में बने रहने के बावजूद, असद की सरकार बढ़ती विद्रोहियों की ताकत और अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे टिक नहीं सकी। मास्को में उनकी शरण से यह स्पष्ट होता है कि सीरिया में उनकी सत्ता का युग समाप्त हो चुका है।
गृह युद्ध का अंत या नई शुरुआत?
इस घटनाक्रम के बाद यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या सीरिया में गृह युद्ध समाप्त हो जाएगा, या नई चुनौतियों की शुरुआत होगी। विपक्षी समूहों की जीत के बावजूद, देश में स्थिरता की राह आसान नहीं होगी। कई विद्रोही गुट हैं, जिनकी अपनी विचारधारा और एजेंडा है। इसके अलावा, सीरिया की पुनर्निर्माण प्रक्रिया भी एक जटिल मुद्दा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन के बिना हल करना मुश्किल होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर विपक्षी गुट एकजुट नहीं होते हैं, तो देश में एक और संघर्ष पैदा हो सकता है। दमिश्क की जीत ने एक अध्याय को खत्म किया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि सीरिया का भविष्य कैसा होगा।
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