जम्मू-कश्मीर विधानसभा में गूंजा Article 370 बहाल करने का मुद्दा, गोरखा समाज ने की कड़ी निंदा
गोरखा समाज पीडीपी की मांग की निंदा करते हुए कहा कि पीडीपी के नेता केवल अपने राजनीति के भविष्य के बारे में सोचते हैं जबकि उन्हें प्रदेश की जनता के बारे में सोचना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा से सत्र के दौरान अनुच्छेद 370 को बहाल करने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है बता दें कि जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विधायक ने विधानसभा सत्र के दौरान अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के विरोध में विधेयक पेश किया था जिसके बाद अब गोरखा समाज ने पीडीपी नेता का विरोध कर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर गोरखा समाज की अध्यक्ष करुणा छेत्री ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान पीडीपी विधायक ने सदन में आर्टिकल 370 को फिर से बहाल करने के लिए विधेयक पेश किया है लेकिन हमारा मानना है कि अनुच्छेद 370 को दोबारा से बहाल नहीं किया जाना चाहिए क्यूंकि हमारे गोरखा समाज को कई सालों तक अपने हकों से वंचित रहना पड़ा। कई सालों तक हमारे परिवारों और बच्चों ने अनगिनत मुश्किलों का सामना किया, लेकिन साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने के बाद हमें आखिरकार जम्मू-कश्मीर में अपने अधिकार मिल पाए। हमारे बच्चों को निवास और नौकरी का अधिकार मिला है।
गोरखा समाज पीडीपी की मांग की निंदा करते हुए कहा कि पीडीपी के नेता केवल अपने राजनीति के भविष्य के बारे में सोचते हैं जबकि उन्हें प्रदेश की जनता के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि राजनीतिक दल का काम सभी लोगों को एक साथ लेकर चलने का होता है, ना कि लोगों को बांटने का। पीडीपी को लोग जान चुके हैं, इसलिए उन्हें तीन सीट मिली है।
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