ब्रिटेन की संसद में फिर उठा जलियांवाला हत्याकांड का मुद्दा
यह घटना 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुई थी, जब जनरल रेजिनल्ड डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सैनिकों ने निहत्थे भारतीयों पर गोलियां चलाई थीं।

ब्रिटेन की संसद में जलियांवाला बाग हत्याकांड का मुद्दा फिर से उठाया गया है, जिसमें ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने इस घटना के लिए औपचारिक माफी मांगने की अपील की है। उन्होंने इसे "ब्रिटिश साम्राज्य पर एक धब्बा" बताया और कहा कि यह घटना 106 साल पुरानी है, जो आज भी भारतीयों के लिए एक दर्दनाक याद बनी हुई है।
बॉब ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स में अपने भाषण में कहा कि "इस नरसंहार के अंत में 1500 लोग मारे गए थे और 1200 घायल हुए थे।" उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटिश सरकार को इस घटना को स्वीकार करते हुए भारत के लोगों से औपचारिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
इससे पहले, ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने भी जलियांवाला बाग हत्याकांड पर दुख व्यक्त किया था और इसे "ब्रिटेन के इतिहास पर शर्मनाक जख्म" करार दिया था, लेकिन उन्होंने औपचारिक माफी नहीं मांगी थी।
यह घटना 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुई थी, जब जनरल रेजिनल्ड डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सैनिकों ने निहत्थे भारतीयों पर गोलियां चलाई थीं। उस दिन लोग बैसाखी के अवसर पर एकत्र हुए थे और बिना किसी चेतावनी के गोलीबारी शुरू कर दी गई। इस नरसंहार में आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 379 लोग मारे गए और 1200 से अधिक घायल हुए, जबकि अनाधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि मृतकों की संख्या 1500 तक पहुंच सकती है।
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