दिसंबर में घटी महंगाई, आम लोगों को मिली थोड़ी राहत... क्या कम होगी EMI ?
भारत की खुदरा महंगाई दिसंबर में 5.48% से घटकर 5.22% पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी है।
भारत की खुदरा महंगाई दिसंबर में 5.48% से घटकर 5.22% पर आ गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी है। बेमौसम बारिश और खाद्य तेल व अनाज की बढ़ती कीमतों के कारण पहले महंगाई में वृद्धि हुई थी, लेकिन गर्मियों की भरपूर पैदावार ने खाद्य महंगाई को कम करने में मदद की। आइए इस घटना के कारणों और प्रभावों पर एक नज़र डालते हैं।
महंगाई में गिरावट की मुख्य बातें
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खाद्य महंगाई में गिरावट उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में खाद्य पदार्थों का बड़ा हिस्सा होता है। दिसंबर में खाद्य कीमतों में राहत मिली, जिसका श्रेय भरपूर गर्मियों की फसल को जाता है।
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बेमौसम बारिश का प्रभाव वर्ष के शुरूआती महीनों में बेमौसम बारिश ने कृषि गतिविधियों को बाधित किया, जिससे अनाज और खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि हुई। हालांकि, ताजा फसल के बाजार में आने से स्थिति स्थिर हुई।
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खाद्य तेल और अनाज की भूमिका खाद्य तेल और अनाज की कीमतें शुरू में महंगाई का प्रमुख कारण थीं, लेकिन घरेलू आपूर्ति में सुधार और सरकारी हस्तक्षेप ने उपभोक्ताओं पर दबाव कम किया।
सरकारी उपाय और उनका प्रभाव
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आयात शुल्क में कटौती खाद्य तेल जैसे कुछ वस्तुओं पर आयात शुल्क में कटौती से कीमतों में कमी आई।
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बफर स्टॉक का जारी करना आवश्यक खाद्य पदार्थों के बफर स्टॉक को जारी करने की रणनीति ने कीमतों को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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किसानों के लिए नीति समर्थन खरीफ सीजन के दौरान किसानों के लिए प्रोत्साहन और समर्थन योजनाओं ने बेहतर पैदावार सुनिश्चित की, जिससे आपूर्ति की स्थिति में सुधार हुआ।
उपभोक्ता भावना और आर्थिक दृष्टिकोण
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घरेलू बजट पर सकारात्मक प्रभाव महंगाई में गिरावट से घरेलू बजट पर बोझ कम हुआ है, विशेषकर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में, जहां खाद्य खर्च का बड़ा हिस्सा होता है।
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RBI की मौद्रिक नीति का संरेखण महंगाई में गिरावट भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीतियों को प्रभावित कर सकती है, जिससे आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए ब्याज दरें स्थिर रह सकती हैं।
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आर्थिक विकास को बढ़ावा कम महंगाई उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देती है, जो आने वाले तिमाहियों में आर्थिक विकास पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
देखने योग्य चुनौतियां
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वैश्विक वस्तुओं की कीमतें वैश्विक मूल्य उतार-चढ़ाव, विशेष रूप से कच्चे तेल में, परिवहन लागत और आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित कर सकता है।
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मौसम संबंधी बाधाएं कृषि उत्पादन और खाद्य कीमतों पर अप्रत्याशित मौसम स्थितियों का जोखिम बना रहता है।
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