अमेरिकी दूतावास ने किया ट्रंप को बेनकाब, अमेरिकी राष्ट्रपति के एक बड़े झूठ का किया पर्दाफाश
अमेरिकी दूतावास ने जुलाई 2025 में भारतीय विदेश मंत्रालय को पूरी जानकारी दी है कि USAID ने वर्ष 2014 से 2024 के दौरान भारत में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर का कोई योगदान नहीं दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए अपने राजनीतिक हितों के लिए किसी पर भी आरोप लगाना कोई नई बात नहीं है। ऐसा लगता है कि फरवरी 2025 में अमेरिकी एजेंसी USAID पर भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर खर्च करने के उनके आरोप भी झूठे थे।
उनके इस झूठ का पर्दाफाश किसी और ने नहीं, बल्कि अमेरिकी दूतावास ने किया। अमेरिकी दूतावास ने जुलाई 2025 में भारतीय विदेश मंत्रालय को पूरी जानकारी दी है कि USAID ने वर्ष 2014 से 2024 के दौरान भारत में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर का कोई योगदान नहीं दिया। यह जानकारी विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में साझा की।
ट्रंप लगातार झूठे बयान देते रहते हैं
भारत के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का यह पहला झूठा बयान नहीं है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद, वह कम से कम 35 बार दावा कर चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध उनके हस्तक्षेप के कारण ही रोका जा सका। राष्ट्रपति ट्रंप का यह भी कहना है कि उन्होंने युद्ध तभी रोका जब उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के साथ व्यापार बंद करने की धमकी दी। भारत ने इसका साफ खंडन किया है।
दरअसल, फरवरी 2025 में (फिर से राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद) राष्ट्रपति ट्रंप ने USAID एजेंसी को बंद करने का फैसला किया और इस दौरान उस पर भारत में मतदान प्रतिशत कम से कम पाँच गुना बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर देने का आरोप लगाया। उन्होंने मियामी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस और रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन की बैठक समेत कई मंचों पर यही बात कही। उन्होंने पूर्ववर्ती बाइडेन सरकार पर USAID के ज़रिए वर्ष 2024 में होने वाले भारत के आम चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।
विदेश मंत्रालय ने मांगी थी जानकारी
विदेश राज्य मंत्री ने बताया कि 16 फरवरी, 2025 को अमेरिका के अमेरिकी सरकारी एजेंसी विभाग (DOGE) ने USAID को दी जाने वाली 48.6 करोड़ डॉलर की फंडिंग (जिसमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर की राशि भी शामिल थी) रोकने की घोषणा की थी। 28 फरवरी को भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी दूतावास को पत्र लिखकर इस बारे में पूरी जानकारी मांगी। साथ ही यह भी जानकारी मांगी कि किन एनजीओ को यह पैसा दिया गया।
इसके जवाब में, अमेरिकी दूतावास ने 2 जुलाई, 2025 को एक पत्र लिखकर बताया कि USAID, भारत को न तो 21 मिलियन डॉलर की राशि प्राप्त हुई और न ही उसने वर्ष 2014 से वर्ष 2025 तक भारत को इतनी राशि दी। यह भी बताया गया कि USAID भारत में मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए कोई गतिविधि नहीं चलाता है।
29 जुलाई, 2025 को, अमेरिकी दूतावास ने यह भी बताया कि USAID का संचालन 15 अगस्त, 2025 से बंद हो जाएगा। बाद में 11 अगस्त को, अमेरिकी दूतावास ने आर्थिक मामलों के विभाग को सूचित किया कि USAID ने भारत सरकार के साथ साझेदारी के संबंध में जो सात समझौते किए थे, उन्हें समाप्त किया जा रहा है।
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