बैंक लॉकर में रखे लाखों रुपये और आभूषण चट कर गई दीमक, बैंक ने दिया ये जवाब 

अगर बैंक द्वारा लॉकर में रखे गए सामान से संबंधित कोई संदिग्ध गतिविधि की जाती है या बैंक की किसी गलती के कारण ग्राहक को नुकसान उठाना पड़ता है

Dec 18, 2024 - 12:18
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बैंक लॉकर में रखे लाखों रुपये और आभूषण चट कर गई दीमक, बैंक ने दिया ये जवाब 
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उत्तर प्रदेश के नॉएडा से एक बेहद ही चौंका देने वाली खबर सामने आई है यहां बैंक लॉकर में रखे हुए लाखों के आभूषण और नकदी दीमक चट कर गई। यह मामला नॉएडा के सेक्टर 51 स्थित सिटीजन कोऑपरेटिव बैंक का है जहां बैंक लॉकर में रखे हुए कथित पांच लाख रुपए की नकदी और लाखों के आभूषण दीमक चट कर गई जिसकी शिकायत ग्राहक में बैंक मैनेजर को दी और अपने रुपए वापस दिए जाने की मांग की। हालांकि, बैंक मैनेजर ने रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियमों का हवाला देते हुए रूपए दिलाने से साफ इनकार कर दिया।

क्या हैं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियम ?

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 1 जनवरी, 2022 से बैंक लॉकर को लेकर बैंकों की जवाबदेही के संबंध में नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के मुताबिक, बैंक लॉकर में आगजनी, चोरी, बिल्डिंग के ढहने या बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी करने पर बैंक हर्जाना देगा। इसके लिए बैंकों की देनदारी लॉकर के वार्षिक किराए से 100 गुना अधिक होगी। यानी अगर कोई ग्राहक बैंक लॉकर में सामान रखने का 2000 रुपए किराया देता है तो बैंक उसे हर्जाने के तौर पर 2 लाख रुपए देगा।

बैंक लॉकर में क्या रखा जा सकता है?

1. स्वर्ण, चांदी, बहुमूल्य रत्न : ग्राहक बैंक लॉकर में अपनी सोने, चांदी और रत्नों का भंडारण कर सकते हैं।
   
2. कागजी दस्तावेज : प्रॉपर्टी दस्तावेज, शेयर सर्टिफिकेट्स, बांड्स, वसीयत, पासपोर्ट, व्यक्तिगत महत्वपूर्ण कागजात जैसे शादी के सर्टिफिकेट, परीक्षा प्रमाणपत्र आदि रखे जा सकते हैं।

3. मूल्यवान सामान : व्यक्तिगत ज्वेलरी, हीरे, दुर्लभ कलेक्शन आदि।

4. अन्य व्यक्तिगत वस्तुएं : ग्राहक अपनी व्यक्तिगत चीजें, जिनकी कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है, जैसे परिवार की धरोहरें आदि भी लॉकर में रख सकते हैं।

बैंक लॉकर में क्या नहीं रखा जा सकता?

1. मनी (नोट और करेंसी) : बैंक लॉकर में कोई भी मुद्रा (नोट, सिक्के आदि) नहीं रखी जा सकती है।
   
2. विवादास्पद या अवैध वस्तुएं : ऐसी वस्तुएं जिन्हें कानून द्वारा अवैध माना जाता है, जैसे मादक पदार्थ, अवैध हथियार, नशीली दवाइयाँ आदि, लॉकर में रखने की अनुमति नहीं है।

3. वस्तुएं जो आसानी से खराब हो सकती हैं : खाद्य सामग्री, तरल पदार्थ आदि, जिन्हें बर्बाद होने का खतरा हो, लॉकर में रखने की अनुमति नहीं है।

4. धार्मिक या सांस्कृतिक विवाद उत्पन्न करने वाली वस्तुएं : ऐसी वस्तुएं जो धार्मिक या सांस्कृतिक विवाद उत्पन्न कर सकती हैं, जैसे कुछ विशेष धार्मिक धरोहर, जिनके लिए अतिरिक्त अनुमति की आवश्यकता हो सकती है।

बैंक किस हालात में मुआवजा देता है?

1. लॉकर में चोरी या नुकसान : अगर बैंक लॉकर से सामान चोरी हो जाता है, बैंक की बिल्डिंग में आग लग जाती है या बिल्डिंग गिर जाती है, जिससे लॉकर में रखा सामान क्षतिग्रस्त होता है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी बैंक की है। यह बैंक की लापरवाही मानी जाती है। इसके लिए बैंक ग्राहक को हर्जाना देगा।

हालांकि, प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप या बिजली गिरने के कारण बैंक लॉकर को नुकसान होता है तो इसके लिए बैंक उत्तरदायी नहीं है। ऐसे मामले में कोई मुआवजा नहीं मिलता है। यह मुआवजा सीमित होता है और ग्राहक को लॉकर के लिए पर्याप्त बीमा कराया गया होना चाहिए।

2. बैंक की लापरवाही : अगर बैंक अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाता, जैसे कि लॉकर खोलने के लिए सही प्रोटोकॉल का पालन न करना या लॉकर के सुरक्षा उपायों में कमी होना, तो बैंक ग्राहक को मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी हो सकता है।

3. बीमा पॉलिसी : अधिकतर बैंक लॉकर में रखे सामान के लिए बीमा प्रदान करते हैं, जिससे अगर सामान खो जाए या क्षतिग्रस्त हो जाए, तो बीमा के तहत मुआवजा प्राप्त किया जा सकता है।

4. कानूनी मामलों में मुआवजा : अगर ग्राहक का सामान किसी अन्य कारण से, जैसे कि सरकारी आदेश या कानूनी विवाद के कारण जब्त हो जाता है, तो बैंक इस स्थिति में मुआवजा देने के लिए उत्तरदायी नहीं होता। 

5. संदेहास्पद गतिविधि या बैंक की गलती : अगर बैंक द्वारा लॉकर में रखे गए सामान से संबंधित कोई संदिग्ध गतिविधि की जाती है या बैंक की किसी गलती के कारण ग्राहक को नुकसान उठाना पड़ता है, तो बैंक मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार हो सकता है। 

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