शस्त्र पूजा को लेकर बोले राजनाथ सिंह कहा- जरूरत पड़ी तो पूरी ताकत से करेंगे हथियारों का इस्तेमाल
यह पूजा हर साल दशहरा के अवसर पर आयोजित की जाती है, जिसमें भारतीय सेना के विभिन्न उपकरणों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 12 अक्टूबर को विजयादशमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के सुकना सैन्य स्टेशन पर पारंपरिक शस्त्र पूजा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय सेना की शक्ति, सफलता और सुरक्षा के लिए अनुष्ठान किया, जिसमें विभिन्न आधुनिक सैन्य उपकरणों की पूजा की गई। यह पूजा हर साल दशहरा के अवसर पर आयोजित की जाती है, जिसमें भारतीय सेना के विभिन्न उपकरणों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
शस्त्र पूजा का अनुष्ठान
राजनाथ सिंह ने कलश पूजा के साथ पूजा की शुरुआत की, जिसके बाद उन्होंने शस्त्र पूजा और वाहन पूजा का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने अत्याधुनिक पैदल सेना, तोपखाने, संचार प्रणाली, गतिशीलता प्लेटफार्मों और ड्रोन प्रणालियों सहित विभिन्न सैन्य उपकरणों की पूजा की। उन्होंने कहा कि यह अनुष्ठान देश की रक्षा में इन हथियारों की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। सशस्त्र बलों की सराहना अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने में सशस्त्र बलों की सतर्कता और भूमिका की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और इस अवसर पर भारतीय सेना के जवानों के लिए मानवीय मूल्यों के प्रति समान सम्मान रखना आवश्यक है।
शक्ति और सुरक्षा का संदेश
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि यदि देश के हितों को खतरा हुआ तो भारत बड़ा कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगा। उन्होंने कहा, "शस्त्र पूजा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि यदि जरूरत पड़ी तो हम अपने हथियारों और उपकरणों का पूरी ताकत से इस्तेमाल करेंगे।" इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी सुरक्षा के बारे में कितनी गंभीरता से सोचता है।
आधुनिकीकरण की दिशा
कार्यक्रम में भारतीय सेना की परंपरा और आधुनिकता का संगम देखने को मिला। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह समारोह स्वदेशी रक्षा प्रणालियों और प्लेटफार्मों को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह भारत की संप्रभुता को बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों की तैयारी, संकल्प और अटूट समर्पण का प्रतीक है।
विशेष उपस्थित
इस पूजा कार्यक्रम में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। इनमें भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नामित रक्षा सचिव आर.के. सिंह, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राम चंद्र तिवारी, सीमा सड़क संगठन के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन, त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए. मिनवाला और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
रक्षा मंत्री का संकल्प
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि शस्त्र पूजा हमारे सैन्य बलों के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान है। यह हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाता है और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों का एहसास कराता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय सेना अपने आधुनिकीकरण की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है और इसके लिए स्वदेशी तकनीक को प्राथमिकता दी जा रही है। राजनाथ सिंह का यह समारोह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान था बल्कि यह भारत की सुरक्षा नीतियों के प्रति गंभीरता को भी दर्शाता है।
शस्त्र पूजा ने सुनिश्चित किया कि भारतीय सेना भी अपनी परंपराओं को बनाए रखते हुए आधुनिकता की ओर बढ़ रही है। इस तरह के अनुष्ठान न केवल सेना की शक्ति का प्रदर्शन करते हैं बल्कि यह भी बताते हैं कि भारत अपने सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए किसी भी स्थिति में तैयार है। इस समारोह के माध्यम से राजनाथ सिंह ने यह संदेश दिया कि भारतीय सेना अपनी परंपराओं का सम्मान करते हुए राष्ट्र की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। यह एक ऐसा अवसर है जब देश के सभी नागरिकों को अपने सशस्त्र बलों पर गर्व महसूस करना चाहिए और उन्हें अपनी सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
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