नशे की दवाएं बेचने वाली दुकानों पर लगेगी सील- आरती सिंह राव
हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने फ़ूड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शेड्यूल एच और एक्स दवाओं की बिक्री की मॉनिटरिंग और निगरानी के लिए नियमित रूप से मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया जाये और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करें।

एमएच वन ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने फ़ूड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शेड्यूल एच और एक्स दवाओं की बिक्री की मॉनिटरिंग और निगरानी के लिए नियमित रूप से मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया जाये और प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री करने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वाले मेडिकल स्टोरों का लाइसेंस भी रद्द किया जाना चाहिए और कानूनी कार्रवाई के साथ दुकानों को तुरंत सील किया जाय।
स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने पंचकूला में "नशा मुक्ति कार्यक्रम" की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी नशा मुक्ति केंद्रों में नशे की लत के लिए फ्री उपचार की उपलब्धता सरल की जाए और उपचार के दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि नशे के आदी/रोगी की पहचान गोपनीय रहे।
उन्होंने युवाओं को नशीली दवाओं की लत के खतरे से बचाने के लिए स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों को नशे की बुराई के प्रति सचेत करने के लिए जागरूकता फ़ैलाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अभिभावकों को भी अपने बच्चों की आदतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
33 केंद्रों के लाइसेंस रद्द किए
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने कहा कि राज्य सरकार हरियाणा को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए समाज के लोगों तथा पुलिस की समान भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति केंद्रों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने के कारण पिछले वर्ष 33 केंद्रों के लाइसेंस रद्द किए। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में नशा मुक्ति सेवाओं को मजबूत करने के लिए भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा प्रायोजित योजना के तहत 17 नए नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना की जा रही है।
नशा करने पर 4505 एफआईआर की दर्ज
उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा नशा करने वालों के खिलाफ 4505 एफआईआर दर्ज की गई और 7523 नशा करने वालों की पहचान की गई। नशा करने वालों से संपर्क करने और उनका उपचार करने के लिए युवाओं की सूची संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ साझा की गई है।
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