सरकारी बसों के चक्का जाम का दूसरा दिन, पक्की नौकरी समेत कई मांगों को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन कच्चे कर्मचारी

पंजाब में सरकारी बसों के चक्का जाम का आज दूसरा दिन है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पनबस और PRTC के अनुबंधित कर्मचारियों द्वारा की गई हड़ताल के कारण प्रदेशभर में तीन हजार से अधिक बसें बंद हो गईं।

Jan 7, 2025 - 11:44
Jan 7, 2025 - 11:45
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सरकारी बसों के चक्का जाम का दूसरा दिन, पक्की नौकरी समेत कई मांगों को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन कच्चे कर्मचारी
पंजाब में सरकारी बसों के चक्का जाम का दूसरा दिन
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पंजाब में सरकारी बसों के चक्का जाम का आज दूसरा दिन है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। पनबस और PRTC के अनुबंधित कर्मचारियों द्वारा की गई हड़ताल के कारण प्रदेशभर में तीन हजार से अधिक बसें बंद हो गईं। इसमें 1300 बसें PRTC की और 1700 बसें पनबस की हैं। इस हड़ताल का असर केवल पंजाब तक सीमित नहीं रहा, बल्कि हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली, जम्मू और उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों के लिए भी बस सेवाएं ठप हो गईं।

क्या है हड़ताल का कारण?

यह हड़ताल पनबस और पीआरटीसी के अनुबंधित कर्मचारियों के यूनियनों द्वारा की जा रही है, जो कई अहम मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि वे पक्की नौकरी, वेतन वृद्धि, किलोमीटर स्कीम की बसों को बंद करने, ट्रांसपोर्ट माफिया पर नियंत्रण, और शर्तों के साथ निकाले गए कर्मचारियों को फिर से बहाल करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि विभाग का संचालन सही तरीके से नहीं हो रहा है और इसके कारण कर्मचारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

कर्मचारी 8 जनवरी तक करेंगे हड़ताल

कर्मचारियों की हड़ताल 8 जनवरी तक जारी रहने की संभावना है, और इसी दौरान वे चंडीगढ़ में भी प्रदर्शन करेंगे। उनकी मांग है कि राज्य सरकार और विभाग उनके मुद्दों को गंभीरता से लें और तत्काल समाधान निकाले। हड़ताल के चलते रोजमर्रा के यात्री, खासकर उन लोगों को जिन्होंने दूरदराज के क्षेत्रों में यात्रा करने का मन बनाया था, उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

यात्रियों को हो रही दिक्कतें

हड़ताल का असर यात्रियों पर साफ तौर पर देखा जा सकता है। हजारों लोग बसों के इंतजार में घंटों खड़े रहे, लेकिन कोई भी बस नहीं आई। स्कूल, कॉलेज, दफ्तर जाने वाले छात्रों और कर्मचारियों को खासा दिक्कत का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, कुछ लोगों को चिकित्सा सेवाओं तक पहुंचने में भी समस्या आई। राज्य सरकार और विभाग की ओर से फिलहाल कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।

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