RBI गवर्नर ने कहा, भरोसेमंद एआई विकसित करने की जरूरत
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंकों, सरकारों के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र के लोगों को डेटा गोपनीयता चिंता और अन्य तत्वों को ध्यान में रखते हुए ‘भरोसेमंद एआई’ के विकास की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंकों, सरकारों के साथ-साथ वित्तीय क्षेत्र के लोगों को डेटा गोपनीयता चिंता और अन्य तत्वों को ध्यान में रखते हुए ‘भरोसेमंद एआई’ के विकास की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
दास ने यहां ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ को संबोधित करते हुए कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का एकीकरण निश्चित रूप से हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं में परिवर्तनकारी प्रगति लाता है।
उन्होंने कहा, “कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) अभूतपूर्व तरीके से वित्तीय सेवाओं में क्रांति लाने के लिए तैयार हैं। धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए एआई एल्गोरिदम पहले से ही तैनात किए जा रहे हैं। मशीन लर्निंग मॉडल का इस्तेमाल क्रेडिट स्कोर में तेजी से किया जा रहा है। कर्ज लेने की पात्रता का आकलन करने और ऋण तक पहुंच का विस्तार करने के लिए पूर्वानुमानित विश्लेषण का लाभ उठाया जा रहा है।”
दास ने कहा कि जैसे-जैसे एआई और एमएल क्षमताएं विकसित होती जा रही हैं, विनियामक अनुपालन, निवेश सलाहकार सेवाओं और एल्गोरिद्म ट्रेडिंग में उनके संभावित अनुप्रयोगों से वित्तीय परिदृश्य को और अधिक पुनर्परिभाषित करने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह, “हमें एआई से उत्पन्न जोखिमों को भी पूरी तरह से समझना चाहिए और इसे संतुलित और जिम्मेदारी से अपनाने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए। वित्तीय क्षेत्र के लोगों, केंद्रीय बैंकों और सरकारों को डेटा गोपनीयता, व्याख्या, जवाबदेही और पारदर्शिता से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए भरोसेमंद एआई के विकास की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।”
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