पुतिन का भारत दौरा, इन 19 अहम समझौतों पर बनी सहमति
इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई और बिजनेस फोरम को भी संबोधित किया। हालांकि, जिन रक्षा समझौतों जैसे SU-57 लड़ाकू विमान और S-400 सिस्टम को लेकर पहले कयास लगाए जा रहे थे, उन पर कोई घोषणा नहीं की गई।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 27 घंटे की भारत यात्रा पूरी कर शुक्रवार को मॉस्को के लिए उड़ान भरी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई और बिजनेस फोरम को भी संबोधित किया। हालांकि, जिन रक्षा समझौतों जैसे SU-57 लड़ाकू विमान और S-400 सिस्टम को लेकर पहले कयास लगाए जा रहे थे, उन पर कोई घोषणा नहीं की गई।
इसके बावजूद भारत और रूस के बीच 19 महत्वपूर्ण समझौतों पर सहमति बनी, जिनमें श्रमिक गतिशीलता, स्वास्थ्य, जहाज निर्माण, खाद्य सुरक्षा और परमाणु ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्र शामिल हैं।
1. मैनपावर मोबिलिटी समझौता - नौकरी के अवसर बढ़ेंगे
भारत और रूस ने श्रमिक गतिशीलता पर अहम MoU साइन किया।
इससे दोनों देशों के नागरिक अस्थायी आधार पर एक-दूसरे के देश में काम कर सकेंगे।
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रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
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वीज़ा और कामकाजी परमिट की प्रक्रिया आसान होगी
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अवैध प्रवास पर सख्त नियंत्रण लगाया जाएगा
2. हेल्थकेयर और मेडिकल एजुकेशन पर बड़ा सहयोग
दोनों देशों के स्वास्थ्य मंत्रालयों के बीच व्यापक समझौता हुआ, जिसमें तीन क्षेत्रों पर फोकस है-
a) स्वास्थ्य सेवाएं
डॉक्टरों और अस्पतालों के बीच अनुभव साझा किया जाएगा। नई बीमारियों पर मिलकर रिसर्च होगी।
b) मेडिकल शिक्षा
स्टूडेंट एक्सचेंज, डॉक्टरों की ट्रेनिंग और मेडिकल कॉलेजों के बीच संयुक्त प्रोग्राम शुरू होंगे।
c) मेडिकल विज्ञान रिसर्च
नई दवाओं, वैक्सीन, कैंसर और दिल की बीमारियों पर संयुक्त शोध होगा।
3. फूड सेफ्टी और क्वालिटी कंट्रोल
FSSAI और रूस की उपभोक्ता सुरक्षा एजेंसी के बीच खाद्य सुरक्षा सहयोग समझौता हुआ।
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दोनों देशों के बीच भेजे जाने वाले खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की संयुक्त निगरानी
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फूड स्टैंडर्ड, टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन में तालमेल बढ़ेगा
4. जहाज निर्माण और आर्कटिक सहयोग में बड़ा कदम
भारत और रूस ने शिपिंग, पोर्ट्स और समुद्री निर्माण के क्षेत्र में नई भागीदारी शुरू की।
प्रमुख बिंदु-
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आर्कटिक क्षेत्र में संयुक्त रिसर्च और ऊर्जा परियोजनाओं पर काम
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दोनों देशों के पोर्ट्स के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी
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जहाज निर्माण, मरम्मत और तकनीकी सहयोग में संयुक्त कार्य
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रूस चाहता है कि भारत में आर्कटिक-क्लास जहाज बनाए जाएं
यह समझौता भारत के समुद्री व्यापार और शिपयार्ड क्षमताओं को बढ़ाने में मददगार होगा।
5. उर्वरक आपूर्ति - किसानों को बड़ी राहत
रूस की UralChem ने भारत की RCF, NFL और IPL के साथ दीर्घकालिक आपूर्ति समझौता किया।
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यूरिया, पोटाश और फॉस्फेट की निर्बाध सप्लाई
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भारत में खाद की कमी नहीं होगी
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कीमतें स्थिर रखने में मदद
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तकनीक और कच्चे माल में भी सहयोग
6. परमाणु ऊर्जा पर रणनीतिक समझौता
भारत और रूस ने न्यूक्लियर क्षेत्र में नई दिशा तय की।
a) स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) पर सहयोग
दोनों देश छोटे और पोर्टेबल न्यूक्लियर रिएक्टर विकसित करेंगे-
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दूर-दराज क्षेत्रों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए उपयोग
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उच्च सुरक्षा और कम लागत वाली तकनीक
b) बड़े रिएक्टर और कुडनकुलम परियोजना पर काम जारी
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रूस भविष्य में भी भारत को न्यूक्लियर तकनीक, पुर्जे और ईंधन देगा
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नए रिएक्टर मॉडल और सुरक्षा तकनीक संयुक्त रूप से विकसित होंगे
कुल मिलाकर - रिश्ते आर्थिक और तकनीकी दिशा में आगे बढ़े
हालांकि इस बार कोई बड़ी रक्षा डील की घोषणा नहीं हुई, लेकिन 19 समझौतों से यह स्पष्ट है कि भारत-रूस साझेदारी ऊर्जा, स्वास्थ्य, कृषि, रोजगार, समुद्री तकनीक और परमाणु ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में नई गहराई की ओर बढ़ रही है।
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