Punjab : वर्धमान ग्रुप के MD से ठगी करने वाले गिरोह की मास्टरमाइंड को ED ने किया गिरफ्तार, 8 दिन की मिली रिमांड
जालंधर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए की गई करोड़ों की ठगी के एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है।
जालंधर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने डिजिटल अरेस्ट के जरिए की गई करोड़ों की ठगी के एक बड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। यह कार्रवाई लुधियाना के उद्योगपति एस.पी. ओसवाल से जुड़े डिजिटल अरेस्ट मामले से जुड़ी है। ED ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और असम में एक साथ 11 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत बरामद किए गए।
ED रिमांड पर रूमी कलिता गिरफ्तार
ED ने इस मामले की मास्टरमाइंड रूमी कलिता को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया है। उन्हें 23 दिसंबर 2025 को गुवाहाटी से हिरासत में लिया गया। इसके बाद उन्हें स्पेशल PMLA कोर्ट जालंधर में पेश किया गया, जहां से उन्हें 2 जनवरी 2026 तक ED रिमांड पर भेज दिया गया।
CBI अफसर बनकर किया धोखा
ED की जांच में खुलासा हुआ कि ठगों ने डिजिटल अरेस्ट स्कैम के तहत खुद को CBI अधिकारी बताकर उद्योगपति एस.पी. ओसवाल को फंसाने की धमकी दी। उन्होंने जाली सरकारी और न्यायिक दस्तावेज दिखाकर उन्हें अलग-अलग खातों में करीब 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।
5.24 करोड़ रुपये हुए बरामद
ED ने छापेमारी के दौरान 5.24 करोड़ रुपये की राशि बरामद कर पीड़ित को लौटा दी है। बाकी रकम को फर्जी बैंक खातों के जरिए डायवर्ट किया गया, जो डिलीवरी बॉय और अन्य लोगों के नाम पर खोले गए थे। इन खातों से रकम या तो अन्य खातों में भेज दी गई या तत्काल नकद निकासी कर ली गई।
रूमी कलिता गिरफ्तार
जांच में यह भी सामने आया कि रूमी कलिता ठगों को फर्जी बैंक खाते और पहचान पत्र देती थी। इसके बदले उसे ठगी गई रकम का एक निर्धारित प्रतिशत कमीशन मिलता था। वह अपराध की आय को छिपाने, घुमाने और लेयरिंग करने की पूरी प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल थी।
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