निजी स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा की खुली चेतावनी, वोट से करेंगे चोट 

विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले तक सरकार से अपनी मांग मनवाने की कोशिश में लगे हरियाणा की प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से महा आक्रोश रैली का आयोजन किया गया।

Aug 30, 2024 - 15:35
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निजी स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा की खुली चेतावनी, वोट से करेंगे चोट 

गुरमिंद्र सिंह, चंडीगढ़ : विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले तक सरकार से अपनी मांग मनवाने की कोशिश में लगे हरियाणा की प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से महा आक्रोश रैली का आयोजन किया गया। इस रैली के जरिए उन्होंने सरकार से निजी स्कूलों की ओर बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर वोट से चोट करने की चेतावनी दी। ऐसे में हमने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने एसोसिएशन की मांगों के अलावा अपने संघर्ष की दास्तां और भविष्य की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की। 

प्रश्न: आपने अम्बाला में महा आक्रोश रैली सरकार के खिलाफ की, इससे सरकार को आप क्या संदेश देना चाहते थे?

उत्तर - महा आक्रोश रैली के आयोजन करने का मतलब था की सरकार को कुछ लोग और उनके नेता सरकार को गुमराह कर रहे थे कि ये प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन विलकुल खुश था और पूरी तरह से सरकार के साथ है परन्तु करीब 15,000 लोगों ने इसमें शिरकत कर यह जवाब दे दिया की वे सरकार से असंतुष्ट हैं और आक्रोशित हैं |

प्रश्न: पूरे हरियाणा से कितने लोग इस रैली में पहुंचे और प्रदेश के किन - किन जिलों से लोग इसमें पहुंचे और क्या यह रैली राजनीति से प्रेरित थी?

उत्तर: नहीं, यह रैली विशुद्ध  गैर-राजनीतिक रैली थी और अगर मैं कहूं तो यह शिक्षकों की रैली थी जिसमें सिर्फ  व्हाट्सएप मैसेज और फोन कॉल पर अपने - अपने खर्चो पर 15,000 शिक्षक वर्ग पहुंचा और सरकार के प्रति अपना आक्रोश व्यक्त किया। किसी पर कोई दबाव नहीं था और सभी अपनी इच्छा और मर्जी से रैली में आए।

प्रश्न: आपकी मुख्य मांगें क्या थी और कितनी मांगें थीं जिसकी मांग आप सरकार से कर रहे थे ?

उत्तर- हमारी कुल 55 मांगें थीं जिनको पुरा करने की मांग हम सरकार से कर रहे थे और हम लगातार इसकी मांग महीनों से  कर रहे थे

प्रश्न: क्या इन मांगों को लेकर आपने शिक्षा मंत्री, परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री के समक्ष रखी थी या उनको इनका ज्ञान था आपकी  समस्याओं के बारे में ?

उत्तर: हां, बिल्कुल, हम लगातार और हमारे विभिन्न जिलों के अध्यक्ष लगातार  मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिल रहे थे वे कई वर्षो से भी मिल रहे थे और समाचार पत्रों व चिट्ठियों से सभी मंत्रियों को लगातार आगाह कर रहे थे परन्तु किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जिस कारण सभी में आक्रोश था और है |

प्रश्न: आप का कहना है की सरकार ने 134-ए, चिराग और आर.टी. ई. के तहत आपके स्कूलो में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अरबों रूपये सरकार ने देने है जबकि पूर्व में कई बार मंत्री पैसे देने की बात कह चुके हैं, सच्चाई क्या है ?

उत्तर - हम बार-बार यह कह रहे हैं की 134-ए,चिराग और आर.टी.आई के तहत पढ़ने वाले विद्यार्थियों का कानून अनुसार अरबों रूपये सरकार पर हमारा बकाया है तो अगर हम गलत बोल रहे हैं तो सरकार इसका रिकॉर्ड जनता के बीच दे दें श्वेत पत्र जारी कर दे ताकि जनता सच्चाई जान सकें |

प्रश्न - अगर सरकार आप लोगो का भुगतान नहीं करती है तो आप के संगठन ने यह धमकी दी है की हम वोट की चोट करेंगे क्या यह सही है ?

उत्तर - बिलकुल अगर सरकार ने यह राशि जारी नहीं की तो हमारे साथी स्पष्ट रूप से वोट की चोट से वार करेंगे और आने वाले विधानसभा चुनाव में इसकी गूंज भी सुनाई देगी और परिणाम भी दिखेंगे |

प्रश्न - आप का यह भी कहना है की भाजपा ने घोषणा पत्र में प्राइवेट स्कूलो से वादा किया था और उसे पूरा नहीं किया ?

उत्तर - बिलकुल भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वायदा किया था की सरकार आने पर नियमों का सरलीकरण किया जायेगा और स्कूलो को मान्यता प्रदान की जाएगी परन्तु आज भी स्कूल इसका इंतजार कर रहे हैं बंदी की तलवार उन पर लटक रही है |

प्रश्न - शिक्षा मंत्री जी बार -बार बयान दे रही है की किसी भी स्कूल को बंद नहीं होने देंगी ?

उत्तर - हम उनके बयान का ह्रदय से स्वागत करते हैं परन्तु हमें ठोस उत्तर चाहिए और नियमों में सरलीकरण कर मान्यता चाहिए ना की सिर्फ बयान |

प्रश्न - क्या आपके पास कोई फॉर्मूला है जिससे इन सब स्कूलों को बचाया जा सके ?

उत्तर - जी, सरकार को एक तो 2011 से जब आर. टी. आई का हरियाणा में कानून लागू हुए थे से पहले स्कूलों को एक्जिस्टिंग स्कूल मान लेना चाहिए, 2007 से पहले के स्कूलों को शिफ्टिंग परन्तु नियमों के तहत दे देनी चाहिए 10th और 12th तक के स्कूलो के जगहों में और 25% छूट देनी चाहिए और 2007 से पहले के अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक मुश्त मान्यता दे देनी चाहिए |

प्रश्न - स्कूल बसों को लेकर भी आप लगातार समस्याएं बता रहे है वह क्या हैं ?

उत्तर - कोविड के दौरान 2 वर्ष तक बसें खड़ी रहीं उनकी दो वर्ष लाइफ बढ़ानी चाहिए, buses की लाइफ राजस्थान की तर्ज में 20 वर्ष या 5 लाख किलोमीटर तय करनी चाहिए और बसों पर लगे हुए टैक्सेज भी सरकार को माफ़ करने चाहिए।

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