प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'धर्म चक्रवर्ती' की उपाधि से किया गया सम्मानित
पीएम मोदी ने कहा कि आचार्य विद्यानंद जी महाराज कहते थे कि जीवन तभी धर्ममय हो सकता है, जब जीवन स्वयं ही सेवामय बन जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को 'धर्म चक्रवर्ती' की उपाधि से सम्मानित किया गया।
'धर्म चक्रवर्ती' का शाब्दिक अर्थ है: धर्म के चक्र को चलाने वाला महान मार्गदर्शक। यह उपाधि जैन परंपरा में उस व्यक्ति को दी जाती है, जो अहिंसा, सत्य और नैतिक मूल्यों का वैश्विक प्रचार-प्रसार करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सामारोह को संबोधित भी किया, अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आचार्य विद्यानंद जी महाराज कहते थे कि जीवन तभी धर्ममय हो सकता है, जब जीवन स्वयं ही सेवामय बन जाए। उनका ये विचार जैन दर्शन की मूल भावना से जुड़ा हुआ है, ये विचार, भारत की चेतना से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत सेवा प्रधान देश है, मानवता प्रधान देश है।
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