योगी सरकार का बड़ा कदम, 'महाकुंभ मेला' बना यूपी का 76वां जिला
प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश में जिलों की संख्या 75 से बढ़कर 76 हो गई है।
प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मेला क्षेत्र को अस्थायी रूप से नया जिला घोषित कर दिया गया है, जिसका नाम 'महाकुंभ मेला' रखा गया है। इस अधिसूचना के बाद उत्तर प्रदेश में जिलों की संख्या 75 से बढ़कर 76 हो गई है। हालांकि, यह नया जिला केवल महाकुंभ मेले की अवधि और उसके कुछ समय बाद तक अस्तित्व में रहेगा।
क्या है महाकुंभ मेला जिला?
महाकुंभ मेला जिले में प्रयागराज के परेड क्षेत्र के साथ चार तहसीलों – सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना – के 67 गांव शामिल किए गए हैं। नए जिले के संचालन के लिए स्वतंत्र प्रशासनिक और पुलिस व्यवस्था की गई है। इस जिले में एक अलग जिलाधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) नियुक्त किए गए हैं।
जिलाधिकारी (DM): मेलाधिकारी विजय किरन आनंद
SSP: राजेश द्विवेदी
यह जिला महाकुंभ के दौरान कुशल प्रशासन और भीड़ प्रबंधन के लिए तैयार किया गया है।
महाकुंभ मेला: प्रशासनिक व्यवस्था
महाकुंभ मेले को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने जिले को पूर्ण प्रशासनिक अधिकार दिए हैं। अधिसूचना के अनुसार, महाकुंभ मेला जिले के डीएम को सभी श्रेणी के मामलों में कलेक्टर के अधिकार सौंपे गए हैं।
प्रमुख व्यवस्थाएं:
- जिले में स्वतंत्र थाने और पुलिस चौकियां स्थापित की गई हैं।
- मेले के दौरान विशेष कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसएसपी को विस्तारित अधिकार दिए गए हैं।
- चार तहसीलों के 67 गांवों को नए जिले का हिस्सा बनाया गया है।
महाकुंभ मेला जिला: क्षेत्रीय विस्तार
- तहसील सदर: 25 गांव
- तहसील सोरांव: 3 गांव
- तहसील फूलपुर: 20 गांव
- तहसील करछना: 19 गांव
अस्थायी जिला: परंपरा और उद्देश्य
यह पहली बार नहीं है जब कुंभ या अर्धकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र को अस्थायी जिला घोषित किया गया हो। इस परंपरा का उद्देश्य विशाल भीड़ को संभालने के लिए प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाना और आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न करना है।
महाकुंभ 2025: आयोजन की तिथियां
इस बार महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक होने जा रहा है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार इसे भव्य और ऐतिहासिक बनाने के लिए विशेष तैयारियां कर रही है। सरकार का उद्देश्य श्रद्धालुओं को उच्चस्तरीय सुविधाएं प्रदान करना और प्रयागराज की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को विश्व पटल पर प्रस्तुत करना है।
महाकुंभ के विशेष प्रबंध
- यातायात और पार्किंग के लिए विशेष प्रबंध।
- गंगा घाटों की सफाई और सजावट।
- श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्थायी आवास, भोजन, और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था।
- ड्रोन और अन्य तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर सुरक्षा को मजबूत बनाया जाएगा।
नए जिले की अधिसूचना: प्रशासनिक मजबूती
महाकुंभ मेले के लिए बनाए गए इस नए जिले का संचालन मेले के समाप्त होने के बाद तक जारी रहेगा। इसके माध्यम से न केवल कुंभ के दौरान बल्कि इसके बाद भी प्रशासनिक कार्यों को सुचारू रूप से निपटाने की योजना है।
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