मिल्कीपुर में पासी बनाम पासी की लड़ाई, जानें BJP प्रत्याशी चंद्रभान पासवान के बारे में

इस तरह मिल्कीपुर उपचुनाव की लड़ाई भाजपा बनाम सपा ही नहीं बल्कि पासी बनाम पासी भी हो गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर चंद्रभान पासवान कौन हैं, जिन्हें भाजपा ने उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है? भाजपा के लिए मिल्कीपुर सीट प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है।

Jan 14, 2025 - 16:53
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मिल्कीपुर में पासी बनाम पासी की लड़ाई, जानें BJP प्रत्याशी चंद्रभान पासवान के बारे में
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अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। भाजपा ने चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है, जो सपा के अजीत प्रसाद को चुनौती देंगे। इस तरह मिल्कीपुर उपचुनाव की लड़ाई भाजपा बनाम सपा ही नहीं बल्कि पासी बनाम पासी भी हो गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर चंद्रभान पासवान कौन हैं, जिन्हें भाजपा ने उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया है? भाजपा के लिए मिल्कीपुर सीट प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई है।

2024 में अयोध्या लोकसभा सीट हारने के बाद भाजपा किसी भी कीमत पर मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव जीतकर सपा को झटका देना चाहती है। ऐसे में सपा ने फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने अब चंद्रभान पासवान पर दांव लगाया है। मिल्कीपुर विधानसभा सीट से भाजपा से टिकट के दावेदारों में पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, जिला महामंत्री राधेश्याम, अनुसूचित जाति मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत और चंद्रभान पासवान शामिल थे। इसके अलावा सुरेंद्र कुमार रावत भी चुनाव लड़ने की योजना बना रहे थे। काफी मंथन और चर्चा के बाद भाजपा ने बाबा गोरखनाथ की जगह चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है।

कौन हैं चंद्रभान पासवान?

चंद्रभान पासवान अयोध्या जिले के रुदौली कस्बे से सटे परसोली गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम बाबा राम लखन पासवान है और उनकी शादी कंचन पासवान से हुई है। उनकी शुरुआती पढ़ाई रुदौली में हुई और उसके बाद उन्होंने फैजाबाद के साकेत विश्वविद्यालय से एमकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की। वह लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए हैं। चंद्रभान अयोध्या में भाजपा जिला कार्यसमिति के सदस्य हैं। वह पहले गुजरात के सूरत में काम करते थे, लेकिन अब उनका रुदौली में कपड़ों का कारोबार है। रुदौली बाजार में बाबा क्लॉथ हाउस नाम से कपड़ों का शोरूम है।

चंद्रभान की राजनीतिक पृष्ठभूमि

मिल्कीपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाए गए चंद्रभान की राजनीतिक पृष्ठभूमि बहुत ज्यादा नहीं है। उनके पिता बाबा राम लखन पासवान परसोली गांव के ग्राम प्रधान रह चुके हैं, लेकिन परसोली नगर पालिका का हिस्सा बन गया। ऐसे में राम लखन ने निकाय चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सके। हालांकि चंद्रभान पासवान की पत्नी कंचन पासवान रुदौली से जिला पंचायत सदस्य हैं। वह दूसरी बार जिला पंचायत सदस्य हैं। भाजपा से जुड़े होने के कारण पार्टी ने चंद्रभान पासवान को मिल्कीपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है। चंद्रभान पहली बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने जा रहे हैं।

चंद्रभान पासवान रुदौली से भाजपा विधायक रामचंद्र यादव के करीबी माने जाते हैं। इसके अलावा फैजाबाद के सांसद रहे लल्लू सिंह से भी उनके करीबी संबंध माने जाते हैं। माना जा रहा है कि रामचंद्र यादव और लल्लू सिंह के करीबी होने का उन्हें फायदा मिला है और भाजपा ने उन्हें मिल्कीपुर सीट से प्रत्याशी बनाया है।

पासी बनाम पासी मुकाबला

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर पासी मतदाताओं की संख्या काफी है, जिसके चलते सपा ने पासी समुदाय से अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने पासी समुदाय से चंद्रभान पासवान को मैदान में उतारा है। इस तरह कहा जा रहा है कि मिल्कीपुर सीट पर पासी वोट बैंक जिस तरफ शिफ्ट होगा, चुनाव वही जीतेगा। यहां ब्राह्मण-यादव के बाद करीब 55 हजार पासी मतदाताओं की आबादी है। ऐसे में भाजपा ने भी पासी वोट बैंक को लुभाने के लिए पासी समुदाय पर दांव लगाया है। ऐसे में मिल्कीपुर का चुनाव पासी बनाम पासी होगा। ऐसे में पासी मतदाता जिस पार्टी की तरफ मुड़ेंगे, जीत उसी की होगी।

मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर करीब 3.23 लाख मतदाता हैं। इनमें एक लाख से ज्यादा दलित मतदाता हैं। दलितों में करीब 60 हजार पासी समुदाय के मतदाता हैं। ऐसे में पासी समुदाय के वोटों की मजबूती के चलते बीजेपी ने भी पासी समुदाय से ही उम्मीदवार उतारा है, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है। ऐसे में देखना यह है कि पासी बनाम पासी की लड़ाई में किसका पलड़ा भारी रहता है?

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