PM मोदी ने बच्चों से दिल्ली में की बात, जानें क्या कुछ कहा

PM ने आगे कहा, सिर्फ उन्हीं बच्चों को 9वीं क्लास से आगे जाने दिया जाता है, जिनका आगे पास होना पक्का होता है।

Feb 3, 2025 - 16:29
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PM मोदी ने बच्चों से दिल्ली में की बात, जानें क्या कुछ कहा
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दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग है, इसी बीच सभी पार्टियां दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है, PM नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी के एजुकेशन मॉडल पर सीधा प्रहार किया है। आम आदमी पार्टी चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपने एजुकेशन मॉडल की सफलता गिनाती है। अब इसी को लेकर पीएम मोदी ने कुछ बच्चों से बातचीत की।

छात्रों से बातचीत में PM नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे आम आदमी पार्टी अपनी छवि सुधारने के लिए छात्रों के भविष्य को नुकसान पहुंचा रही है।

PM ने AAP पर साधा निशाना

बच्चों से PM मोदी की बातचीत का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें बच्चे PM के इर्द-गिर्द बैठे हैं। PM मोदी बच्चों से कह रहे हैं कि दिल्ली में बच्चों को 9वीं क्लास के बाद आगे नहीं जाने दिया जाता। PM ने आगे कहा, सिर्फ उन्हीं बच्चों को 9वीं क्लास से आगे जाने दिया जाता है, जिनका आगे पास होना पक्का होता है।

शिक्षा व्यवस्था पर किया हमला

इससे पहले 3 जनवरी को भी पीएम मोदी ने आम आदमी पार्टी की शिक्षा व्यवस्था पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि पिछले 10 सालों से आप दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाती रही है। अशोक विहार के रामलीला मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा, दिल्ली में शिक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा आवंटित धन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

कांग्रेस ने भी आप को घेरा

दिल्ली चुनाव में भाजपा ही नहीं, कांग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी की शिक्षा व्यवस्था को घेरा है, जिसे संयोजक अरविंद केजरीवाल से लेकर CM आतिशी और पार्टी नेता हमेशा सफल बताते हैं। कांग्रेस ने रविवार को आम आदमी पार्टी (आप) के शिक्षा मॉडल पर निशाना साधा। पार्टी ने आप सरकार की तुलना दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार के समय से की।

अजय माकन ने कहा: वे अपने शिक्षा मॉडल के बारे में बहुत बात करते हैं, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बताते हैं। 2014-15 में यह 123,522 छात्र थे और 2019-2020 तक यह घटकर 109,098 हो गए। कोविड के बाद इसमें फिर से बढ़ोतरी हुई है, सिर्फ़ इसलिए क्योंकि ज़्यादा छात्र निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में चले गए क्योंकि वे ज़्यादा फ़ीस नहीं दे सकते थे, फिर भी, 2023-24 में यह आँकड़ा 146,885 था। वहीं, 2013-2014 में शीला दीक्षित के समय 12वीं पास करने वाली छात्राओं की संख्या 147,420 थी।

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