PM मोदी ने अपने नाम किया नया कीर्तिमान, पूर्व PM इंदिरा गांधी को छोड़ा पीछे
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पीएम मोदी अपने कार्यालय में 4,078 दिन पूरे करने जा रहे हैं। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में 4,077 दिन पूरे किए थे। वह 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक लगातार 4,077 दिनों तक प्रधानमंत्री रहीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक और नया रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। मोदी सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले दूसरे नेता बनने जा रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में 4 हजार 78 दिन पूरे कर लिए हैं। जिसके बाद उन्होंने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी पीछे छोड़ दिया है।
नरेंद्र मोदी शुक्रवार को इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ते हुए सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले दूसरे नेता बन जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को पीएम मोदी अपने कार्यालय में 4,078 दिन पूरे करने जा रहे हैं। इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में 4,077 दिन पूरे किए थे। वह 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक लगातार 4,077 दिनों तक प्रधानमंत्री रहीं।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पार्टी को 3 लोकसभा चुनावों में जीत दिलाई थी। उनके नाम पहले से ही पार्टी को लगातार 3 बार जीत दिलाने का रिकॉर्ड है, क्योंकि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 6,130 दिनों तक देश की सेवा की थी। वे 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964 तक प्रधानमंत्री पद पर रहे। उनका कार्यकाल 16 वर्ष 9 महीने और 12 दिन का रहा, लेकिन नरेंद्र मोदी ने जवाहरलाल नेहरू की बराबरी कर ली है। उन्होंने अपनी पार्टी को लगातार 3 लोकसभा चुनावों में जीत भी दिलाई है।
नरेंद्र मोदी ने जवाहरलाल नेहरू की बराबरी की
गुजरात में जन्मे नरेंद्र मोदी 2024 में प्रधानमंत्री बने और अभी भी प्रधानमंत्री पद पर आसीन हैं। वे 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बन गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, वे दो पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले और एकमात्र गैर-कांग्रेसी नेता भी हैं।
सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी भारत के एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने एक ही पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में लगातार छह प्रमुख चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। 2002, 2007 और 2012 के गुजरात विधानसभा चुनावों में और फिर 2014, 2019 और 2024 के राष्ट्रव्यापी आम चुनावों में।
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