चंडीगढ़ पहुंचे PM मोदी और अमित शाह, 3 नए आपराधिक कानून किए राष्ट्र को समर्पित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चंडीगढ़ पहुंचे, यहां उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस की ओर से तीनों नए आपराधिक कानूनों को लेकर आयोजित की गई प्रदर्शनी का जायजा लिया।
चंद्रशेखर धरणी, चंडीगढ़ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज चंडीगढ़ पहुंचे, यहां उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस की ओर से तीनों नए आपराधिक कानूनों को लेकर आयोजित की गई प्रदर्शनी का जायजा लिया। प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। पीएम मोदी और अमित शाह यहां तीन नए आपराधिक कानून-भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के सफल कार्यान्वयन को राष्ट्र को समर्पित करने पहुंचे थे। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज का दिन हमारी आपराधिक प्रणाली में स्वर्ण अक्षरों से अंकित किया जाएगा। आज भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को पूर्णत: क्रियान्वित करने वाला पहला यूनिट हमारा चंडीगढ़ बनने जा रहा है।
खत्म हुए अंग्रेजों के बनाए कानून
अमित शाह ने कहा कि इससे पहले जो कानून थे, वो 160 साल पहले अंग्रेजों द्वारा बनाए गए थे और नागरिकों की जगह अंग्रेजों के शासन की सुरक्षा के लिए बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा ये जो कानून लाए गए हैं, ये भारतीयों द्वारा, भारत की संसद में और भारतीयों को न्याय व सुरक्षा दिलाने के लिए बनाए गए हैं। पीएम मोदी ने सरकार के सभी विभागों से एक आग्रह किया कि हमारे प्रशासन से गुलामी के सभी चिन्हों को समाप्त कर नए भारत की सोच को प्रत्यापित करना चाहिए। इस प्रदर्शनी और तीन नए आपराधिक कानूनों का मकसद औपनिवेशिक युग के कानूनों को हटाना है और आम जनता को जल्दी से न्याय दिलाना है। पूरे मिशन के लिए नारा दिया गया है-सुरक्षित समाज, विकसित भारत- सजा से न्याय तक।
न्याय को लेकर पीएम मोदी का दृष्टिकोण
उन्होंने कहा कि तीनों नये आपराधिक कानूनों का कांसेप्ट प्रधानमंत्री मोदी के उस दृष्टिकोण से प्रेरित है जिसके तहत वे औपनिवेशिक युग के कानूनों को हटाना चाहते थे। ये कानून स्वतंत्रता के बाद भी जारी थे। प्रधानमंत्री मोदी सरकार का मकसद सजा से ध्यान हटाकर न्याय पर ध्यान केंद्रित करना और न्यायिक प्रणाली को बदलना था। तीनों नए आपराधिक कानूनों को 1 जुलाई को देश भर में लागू किया गया था। इसका मकसद कानूनी प्रणाली को अधिक पारदर्शी, कुशल और समसामयिक समाज की जरूरतों के अनुकूल बनाना है।
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