अब बाईक नहीं साइकिल पर भी पहनना होगा हेलमेट, सड़क पर रोक लेगी पुलिस!
मिर्जापुर की ट्रैफिक पुलिस अब साइकिल से स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने जा रही है, यानी मिर्जापुर में साइकिल से स्कूल जाने वाले बच्चों को हेलमेट पहनना होगा
मिर्जापुर की ट्रैफिक पुलिस अब साइकिल से स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने जा रही है, यानी मिर्जापुर में साइकिल से स्कूल जाने वाले बच्चों को हेलमेट पहनना होगा। सबसे पहले इस अभियान की शुरुआत शहर के दो निजी स्कूलों के बच्चों से की जाएगी, उसके बाद इस अभियान को शहर के बाकी स्कूलों में भी बढ़ाया जाएगा।
कहते हैं कि जब मिट्टी कच्ची होती है तो उसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है. बच्चों के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है, अगर बच्चों को कम उम्र में ही अच्छी बातें समझाई या सिखाई जाएं तो बड़े होने के साथ-साथ ये उनकी आदतों का हिस्सा बन जाती हैं, इसी बात को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में ट्रैफिक पुलिस ने एक बेहतरीन तरीका अपनाया है जिससे बच्चे कम उम्र में ही ट्रैफिक नियमों का पालन करना सीखेंगे।
मिर्जापुर की ट्रैफिक पुलिस अब साइकिल से स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य करने जा रही है, यानी मिर्जापुर में साइकिल से स्कूल जाने वाले बच्चों को हेलमेट पहनना होगा, सबसे पहले इस अभियान की शुरुआत शहर के दो निजी स्कूलों के बच्चों से की जाएगी, उसके बाद इस अभियान को शहर के बाकी स्कूलों में भी चलाया जाएगा।
15 अगस्त से होगी शुरुआत
यह अभियान न सिर्फ बच्चों को हादसों में घायल होने से बचाएगा बल्कि उनमें यातायात नियमों का पालन करने की इच्छा भी बढ़ाएगा। बचपन से ही उनमें डाली गई एक अच्छी आदत बड़े होने पर उनके लिए हेलमेट या सीटबेल्ट पहनना आसान बना देगी। अक्सर देखा जाता है कि साइकिल चलाते समय दुर्घटनाएं होती हैं, जब बच्चों के सिर में गंभीर चोट लग जाती है। ऐसे में उन्हें इन चोटों से बचाया जा सकता है। यह अभियान 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस से शुरू होगा।
ड्रेस कोड की तरह लागू होगा नियम
फिलहाल शहर के दो निजी स्कूलों में यह नियम लागू किया गया है, यानी यहीं से यह नियम शुरू होगा। इसके बाद शहर के बाकी स्कूलों में भी यह नियम लागू किया जाएगा। स्कूलों में ड्रेस कोड की तरह ही साइकिल से स्कूल आने वाले हर बच्चे को हेलमेट पहनना होगा। एसपी सिटी ने बताया कि कई बच्चे ऐसे भी हैं जो हाईवे पार करके स्कूल आते हैं, इसलिए उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह अभियान शुरू किया जा रहा है।
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