निठारी हत्याकांड: कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय ने 2006 के सनसनीखेज निठारी हत्याकांड मामले में सुरेन्द्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई और उत्तर प्रदेश सरकार की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने पर शुक्रवार को सहमति व्यक्त की।
उच्चतम न्यायालय ने 2006 के सनसनीखेज निठारी हत्याकांड मामले में सुरेन्द्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई और उत्तर प्रदेश सरकार की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करने पर शुक्रवार को सहमति व्यक्त की।
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने नोटिस जारी कर कोली से याचिकाओं पर जवाब मांगा और इन याचिकाओं को शीर्ष अदालत में पहले से लंबित ऐसी ही अन्य याचिकाओं के साथ नत्थी कर दिया।
शीर्ष अदालत ने पिछले वर्ष 16 अक्टूबर के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अलग-अलग याचिकाओं पर आठ जुलाई को कोली से जवाब मांगा था।
सर्वोच्च न्यायालय ने मई में एक पीड़ित के पिता की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की थी, जिसमें मामले में कोली को बरी करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी।
सत्र अदालत ने इस मामले में मोनिंदर सिंह पंधेर को बरी कर दिया था जबकि कोली को 28 सितंबर 2010 को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई थी।
यह सनसनीखेज हत्याकांड 29 दिसंबर 2006 को राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा के निठारी में पंधेर के घर के पीछे एक नाले से आठ बच्चों के कंकाल मिलने के बाद सामने आया था।
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