पंजाब के कई जिलों में की गई मॉक ड्रिल, सिखाए गए युद्ध की स्तिथि में बचने के तरीके
यह अभ्यास केवल सुरक्षा के लिए है, घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन ने सभी नागरिकों से सहयोग की अपील की है।

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला और भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद आज देश के कई राज्यों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसके जरिए युद्ध की स्थिति में जिसमें युद्ध या आपातकालीन स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और तत्परता बढ़ाने के उपाय सिखाए गए।
गृह मंत्रालय के आदेश के बाद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मॉक ड्रिल की गई जिसमें फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, NDRF, SDRF, NCC और स्कूली बच्चे भी शामिल हुए। इसी कड़ी में पंजाब के मोहाली में बम निरोधक दस्ता और स्निफर डॉग दस्ते की टीमों ने चेकिंग की।
मॉक ड्रिल के दौरान सिखाए गए मुख्य बचाव के तरीके:
सायरन या अलार्म बजने पर तुरंत घर के अंदर या सुरक्षित स्थान (जैसे बेसमेंट या बंकर) में चले जाएं।
खिड़कियों, कांच और बाहरी दीवारों से दूर रहें, फर्श पर बैठें और दीवारों से दूरी बनाए रखें।
मोबाइल, पावर बैंक, टॉर्च, रेडियो, पानी, सूखा खाना और दवाइयां अपने पास रखें।
बिजली, गैस और सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद कर दें; लाइटें और इनवर्टर भी बंद रखें।
ब्लैकआउट के दौरान वाहन चला रहे हों तो गाड़ी साइड में रोककर लाइट बंद कर लें और वहीं रुकें।
सिर्फ प्रशासन की आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करें, अफवाहों से बचें और उन्हें न फैलाएं।
बच्चों, बुजुर्गों और पालतू जानवरों का विशेष ध्यान रखें।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य:
नागरिकों को हवाई हमले, युद्ध या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में सुरक्षित रहने की ट्रेनिंग देना। अफवाहों से बचना और आधिकारिक सूचना के अनुसार ही कार्य करना सिखाना। बंकर या सुरक्षित कमरों में रहने, राशन और जरूरी सामान की व्यवस्था, और जरूरत पड़ने पर तेजी से स्थान खाली करने की प्रक्रिया सिखाना।
नोट: यह अभ्यास केवल सुरक्षा के लिए है, घबराने की जरूरत नहीं है। प्रशासन ने सभी नागरिकों से सहयोग की अपील की है।
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