CM डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के साथ की बैठक
दिव्यांगजनों को लाभान्वित करने के लिए शिविरों का आयोजन करें। इन शिविरों में नए दिव्यांगजनों की भी पहचान की जाए और उन्हें उनकी आवश्यकतानुसार सहयोग, मार्गदर्शन और सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सामाजिक समानता और समरसता कल्याणकारी राज्य की प्राथमिक जिम्मेदारी है। समाज के सभी वर्गों, विशेषकर दिव्यांगजनों और कमजोर वर्गों के हितों की पूर्ति और संरक्षण करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। दिव्यांगजनों को सहयोग प्रदान कर उन्हें सक्षम और सशक्त बनाने के लिए सरकार हर आवश्यक कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि दिव्यांगजन ईश्वर के साक्षात अंश हैं और उनकी सेवा ही ईश्वर की सेवा है। दिव्यांगजनों को लाभान्वित करने के लिए शिविरों का आयोजन करें। इन शिविरों में नए दिव्यांगजनों की भी पहचान की जाए और उन्हें उनकी आवश्यकतानुसार सहयोग, मार्गदर्शन और सहायक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सोमवार को मुख्यमंत्री निवास स्थित समानता भवन में सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन अधिकारिता विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुँचना सुनिश्चित करें और इसके लिए योजना के क्रियान्वयन की सतत निगरानी भी सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों के विकास और कल्याण के लिए अब तक किए गए प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा में लाने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। हम सभी का कर्तव्य है कि इस पुनीत कार्य में सक्रिय भागीदारी निभाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिव्यांगजनों और कुष्ठ रोगियों के कल्याण के लिए अन्य राज्यों में प्रचलित मॉडल का भी अनुसरण किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि कल्याणियों के विवाह के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री कल्याणी विवाह प्रोत्साहन योजना का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि जरूरतमंद कल्याणियां इसका लाभ उठा सकें। इस कार्य के लिए एक पोर्टल तैयार किया गया है।
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