महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान, जानिए क्या है 5 डुबकियों का आध्यात्मिक महत्व ?

संगन नगरी प्रयागराज में महाकुंभ की महिमा जारी है। पूरा देश मौनी अमावस्या को होने वाले अमृत स्नान को लेकर प्रयागराज पहुंच रहा है।

Jan 28, 2025 - 12:43
Jan 28, 2025 - 12:44
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महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान, जानिए क्या है 5 डुबकियों का आध्यात्मिक महत्व ?
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संगन नगरी प्रयागराज में महाकुंभ की महिमा जारी है। पूरा देश मौनी अमावस्या को होने वाले अमृत स्नान को लेकर प्रयागराज पहुंच रहा है। मौनी अमावस्या 29 जनवरी बुधवार को मनाई जाएगी। इस अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र संगम में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। खासतौर पर महाकुंभ के दौरान यह दिन महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह दूसरा अमृत स्नान होता है, जिसमें विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

मौनी अमावस्या पर 5 डुबकी लगाने का महत्व: मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में स्नान के समय 5 डुबकी लगाने का विशेष महत्व है। कृष्णगिरि पीठाधीश्वर वसंत विजय जी महराज ने श्रद्धालुओं को इस दिन 5 डुबकी लगाने के फायदे और उसकी विधि के बारे में बताया है।

मौनी अमावस्या पर 5 डुबकी लगाने की विधि:

  1. पहली डुबकी (पूर्व दिशा में): सबसे पहले, आपको पूर्वमुखी होकर आस्था की पहली डुबकी लगानी है। स्नान से पहले गंगा, यमुना, सरस्वती और जल देवता को प्रणाम करें। इस डुबकी से आपको मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

  2. दूसरी डुबकी (पूर्व दिशा में): पहली डुबकी के बाद, आपको उसी अवस्था में, पूर्व दिशा में मुख करके दूसरी डुबकी लगानी है। इस डुबकी से आपके कुल देवता और इष्ट देवता की कृपा प्राप्त होगी, जो आपके जीवन को सुखमय बनाएगी।

  3. तीसरी डुबकी (उत्तर दिशा में): इसके बाद, आपको उत्तर दिशा में मुख करके तीसरी डुबकी लगानी है। यह डुबकी भगवान शिव, माता पार्वती, सप्त ऋषियों और गुरुओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है।

  4. चौथी डुबकी (पश्चिम दिशा में): चौथी डुबकी पश्चिम दिशा में मुख करके लगानी होती है। इससे किन्नर, यक्ष, गुरुड़ और 33 कोटि देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो आपकी सफलता और समृद्धि के लिए अत्यंत लाभकारी है।

  5. पांचवीं डुबकी (दक्षिण दिशा में): सबसे अंत में, दक्षिण दिशा में मुख करके पांचवीं डुबकी लगानी होती है। यह डुबकी अपने पितरों के कल्याण और सदगति के लिए की जाती है। इस डुबकी से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनता है।

मौनी अमावस्या पर इन पांच डुबकियों से न केवल आपका शारीरिक और मानसिक शुद्धिकरण होता है, बल्कि आप देवी-देवताओं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन की विधि को सही तरीके से पालन करने से आपके कार्य सफल होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर डुबकी लगाना आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।

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