पाकिस्तान में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर बड़ा हमला, 3 पुलिसकर्मियों की मौत, 6 आतंकी ढेर
आतंकवादियों ने पहले एक आत्मघाती बम विस्फोट किया और फिर भारी हथियारों के साथ पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में घुसपैठ की। हालाँकि, वहाँ मौजूद सुरक्षा बलों ने सभी आतंकवादियों को मार गिराया।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान में एक शक्तिशाली हमला किया, जिसमें सात पुलिसकर्मी मारे गए। रात के अंधेरे में हुए इस हमले में, आतंकवादियों ने पहले एक आत्मघाती बम विस्फोट किया और फिर भारी हथियारों के साथ पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में घुसपैठ की। हालाँकि, वहाँ मौजूद सुरक्षा बलों ने सभी आतंकवादियों को मार गिराया।
दरअसल, डेरा इस्माइल खान स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में शुक्रवार रात एक शक्तिशाली आतंकवादी हमला हुआ। हमलावरों ने पहले एक आत्मघाती बम विस्फोट किया और फिर भारी हथियारों के साथ स्कूल में घुसपैठ की। इसके बाद उन्होंने पुलिस और सुरक्षा बलों पर भारी गोलीबारी की।
जवाबी कार्रवाई में, पुलिस अधिकारियों ने हमले को रोकने का प्रयास किया और कई आतंकवादियों को मार गिराया। पुलिस अधीक्षक हाफिज मुहम्मद अदनान ने बताया कि सभी आतंकवादियों को मार गिराया गया है। हमले के समय स्कूल में लगभग 200 पुलिसकर्मी और प्रशिक्षु मौजूद थे और उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया है।
इस हमले में सात पुलिसकर्मी मारे गए, जबकि 13 घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। डेरा इस्माइल खान स्थित जिला मुख्यालय ट्रॉमा सेंटर में सभी घायल पुलिसकर्मियों का इलाज किया गया।
गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे आतंकवादियों की कायरता बताया और शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि पुलिस बल ने बहादुरी से आतंकवादियों के खतरनाक इरादों को नाकाम कर दिया।
सेना की कार्रवाई और अन्य घटनाएं
हमले से पहले, पाकिस्तानी सेना ने डेरा इस्माइल खान के दरबान इलाके में एक खुफिया-आधारित अभियान (आईबीओ) के दौरान सात आतंकवादियों को मार गिराया था। इस अभियान में मेजर सिब्तैन हैदर शहीद हो गए थे। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने मेजर सिब्तैन और अन्य सुरक्षा बलों की बहादुरी की प्रशंसा की।
आतंकवाद के खिलाफ नई पहल
पाकिस्तानी सेना ने आतंकवाद के खात्मे के अपने नए संकल्प को दोहराया है। आईएसपीआर के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवाद राजनीतिक और आपराधिक नेटवर्क के कारण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक आई सरकारें राष्ट्रीय कार्य योजना के सभी 14 बिंदुओं को लागू करने में विफल रही हैं, और वर्तमान सरकार ने इसे "आज़म-ए-इस्तेहमाक़" नाम से फिर से शुरू किया है।
बढ़ती हिंसा की स्थिति
2025 की तीसरी तिमाही में पाकिस्तान में हिंसा में 46% की वृद्धि हुई। देश में हुई कुल हिंसा और मौतों में से ज़्यादातर अकेले ख़ैबर पख़्तूनख़्वा और बलूचिस्तान में हुईं। ख़ैबर पख़्तूनख़्वा सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ, जहाँ कुल हिंसा और मौतों का 71% हिस्सा था।
What's Your Reaction?