महाकुंभ, संविधान, किसान, कैंसर और AI... मन की बात में क्या बोले PM मोदी ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 दिसंबर 2024 को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम "मन की बात" के 117वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस एपिसोड में पीएम मोदी ने महाकुंभ, संविधान, किसान, कैंसर और AI जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 दिसंबर 2024 को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम "मन की बात" के 117वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस एपिसोड में पीएम मोदी ने महाकुंभ, संविधान, किसान, कैंसर और AI जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
महाकुंभ का संदेश - एकता और सौहार्द
पीएम मोदी ने महाकुंभ के आयोजन को अपने संबोधन का मुख्य विषय बनाया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक मेला नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज की एकता, सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है। यह आयोजन लाखों श्रद्धालुओं को एक साथ लाता है, जो विभिन्न पृष्ठभूमियों से होते हुए भी एकजुट होकर इस मेला में हिस्सा लेते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि महाकुंभ के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि भेदभाव और नफरत को खत्म कर हमें एकजुट होना चाहिए और समाज में एकता बनाए रखनी चाहिए।
समाज से नफरत को खत्म करने का आह्वान
पीएम मोदी ने नफरत और हिंसा को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समाज में बढ़ती नफरत को दूर करने के लिए हमें अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है। उन्होंने भारतीय समाज के मूल्यों का जिक्र करते हुए कहा कि महाकुंभ जैसे आयोजनों से यह संदेश जाता है कि हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, ताकि समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे। पीएम मोदी ने सभी से अपील की कि वे नफरत को नकारते हुए समाज में भाईचारा और प्रेम की भावना को बढ़ावा दें।
भारतीय संस्कृति और परंपरा का संरक्षण
प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं की महत्ता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने महाकुंभ को भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा बताया और कहा कि यह आयोजन हमारे प्राचीन धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाता है। पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल हमें अपने इतिहास और परंपराओं से जुड़ने का अवसर देते हैं, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय एकता को भी मजबूती प्रदान करते हैं।
भारतीय संविधान की महत्ता
प्रधानमंत्री ने इस एपिसोड की शुरुआत भारतीय संविधान के महत्व से की। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान हमारे समाज की नींव है, जो हमारे अधिकारों और कर्तव्यों को संतुलित करता है। संविधान दिवस पर उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे संविधान की मूल भावना को समझें और समाज में समानता और न्याय के सिद्धांतों का पालन करें। पीएम मोदी ने यह भी बताया कि संविधान ने भारत को एक लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में आकार दिया है, जहां हर नागरिक को समान अधिकार प्राप्त हैं।
किसानों के कल्याण पर ध्यान
किसानों की भलाई प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे का अहम हिस्सा रही है। उन्होंने इस कार्यक्रम में किसानों के लिए चल रही योजनाओं और उनके समग्र कल्याण के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। पीएम मोदी ने विशेष रूप से छोटे और मझोले किसानों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं पर चर्चा की, जिनसे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। उन्होंने किसानों को यह भी भरोसा दिलाया कि कृषि क्षेत्र में और भी सुधार किए जाएंगे ताकि उनकी मेहनत का सही मूल्य मिले और वे समृद्ध हो सकें।
कैंसर के इलाज में प्रगति
प्रधानमंत्री मोदी ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में हालिया प्रगति की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों और चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों की सराहना की जिन्होंने कैंसर के इलाज में नई तकनीकों और उपचार विधियों को विकसित किया है। पीएम मोदी ने देशवासियों को यह बताने की कोशिश की कि भारत में कैंसर के इलाज में तेजी से सुधार हो रहा है और इससे कई लोगों को लाभ हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कैंसर के इलाज के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और अवेयरनेस कार्यक्रमों को बढ़ावा देना जरूरी है।
Artificial intelligence (AI) के भविष्य पर विचार
प्रधानमंत्री ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता Artificial intelligence (AI) के तेजी से बढ़ते प्रभाव पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि AI आने वाले वर्षों में हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है। पीएम मोदी ने यह बताया कि भारतीय युवा AI के क्षेत्र में अपनी मेहनत और नवाचारों से वैश्विक स्तर पर छा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को AI के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ना है, ताकि इसका सही उपयोग किया जा सके और यह समाज की भलाई के लिए काम कर सके। प्रधानमंत्री ने AI से जुड़े संभावित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए इसका जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
What's Your Reaction?