कौन हैं भगवान विश्वकर्मा? जिन्होंने किया था द्वारका नगरी का निर्माण
सनातन धर्म में सभी पर्व और व्रत का विशेष महत्व है। इसी तरह विश्वकर्मा पुजा का भी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है।
सनातन धर्म में सभी पर्व और व्रत का विशेष महत्व है। इसी तरह विश्वकर्मा पुजा का भी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। आज के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है। विश्वकर्मा जी को भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है। भगवान विश्वकर्मा को दुनिया में सबसे पहले वास्तु और इंजीनियरिंग की उपाधि दी गई है।
लंका का भी किया था निर्माण
बता दें कि भगवान विश्वकर्मा को निर्माण का देवता माना जाता है, क्योंकि उन्होंने देवताओं के लिए शानदार महल, इमारतें, हथियार और सिंहासन बनाए। ऐसी मान्यता है कि जब देवासुर संग्राम हुआ था तो महर्षि दधीचि की हड्डियों से वज्र बनाने का काम विश्वकर्मा जी ने ही किया था, जिसे इंद्र देवता धारण करते हैं। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि वज्र में इतनी शक्ति थी कि इसके सभी असुरों का नाश कर दिया था। मान्यता तो ये भी है कि रावण की लंका, पांडवों के लिए इंद्रप्रस्थ और श्रीमद्भागवत गीता के मुताबिक श्रीकृष्ण की नगरी द्वारका का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था। बता दें कि आज के दिन सभी लोग विश्वाकर्मा जी की पूजा के साथ औजार और मशीनरी की पूजा करना भी बेहद शुभ माना जाता है।
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