सिगरेट की तरह अब समोसा, जलेबी, लड्डू, पकौड़ा पर भी लिखी जाएगी चेतावनी, जानें क्यों

ये बोर्ड चमकीले पोस्टर होंगे जो लोगों को याद दिलाएँगे कि आप जो स्नैक्स खा रहे हैं, उनमें कितनी वसा और चीनी छिपी है।

Jul 14, 2025 - 17:16
Jul 14, 2025 - 17:46
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सिगरेट की तरह अब समोसा, जलेबी, लड्डू, पकौड़ा पर भी लिखी जाएगी चेतावनी, जानें क्यों

अब तक आपने सिगरेट और तंबाकू के पैकेट पर यह चेतावनी देखी होगी, "धूम्रपान से कैंसर हो सकता है" या "तंबाकू जानलेवा है।" लेकिन अब ऐसी ही चेतावनी खाने-पीने की चीज़ों पर भी देखी जा सकती है। जी हाँ, एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत अब लड्डू, वड़ा पाव, पकौड़ा, समोसा, जलेबी आदि चीज़ों पर "तेल और चीनी" चेतावनी बोर्ड लगाए जाएँगे। ये बोर्ड चमकीले पोस्टर होंगे जो लोगों को याद दिलाएँगे कि आप जो स्नैक्स खा रहे हैं, उनमें कितनी वसा और चीनी छिपी है।

कहां से हुई इसकी शुरुआत?

यह योजना फिलहाल नागपुर के सरकारी संस्थानों में शुरू की जा रही है, जिसमें एम्स नागपुर (AIIMS Nagpur) जैसे बड़े संस्थान भी शामिल हैं। इन संस्थानों की कैंटीन और भोजन केंद्रों में बिकने वाले खाने पर चेतावनी लगाई जाएगी कि इनमें तेल और चीनी की मात्रा ज़्यादा है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।

चेतावनी क्यों ज़रूरी है?

भारत में मधुमेह, मोटापा, रक्तचाप और हृदय रोग जैसी बीमारियों से पीड़ित रोगियों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। इन बीमारियों का मुख्य कारण असंतुलित आहार है, खासकर ज़्यादातर तैलीय और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन। रोज़मर्रा की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग यह समझ ही नहीं पाते कि वे जो कुछ भी खा रहे हैं उसमें कितनी संतृप्त वसा और चीनी है।

सरकार का मानना है कि अगर लोगों को पहले से ही बता दिया जाए कि किसी खाद्य पदार्थ में कितनी चीनी या तेल है, तो वे सोच-समझकर फ़ैसला ले पाएँगे।

चेतावनी में क्या लिखा होगा?

जैसे सिगरेट पर लिखा होता है - "धूम्रपान जानलेवा है", वैसे ही हर स्वादिष्ट नाश्ते के आसपास एक रंगीन साइन बोर्ड आपको याद दिलाएगा: "समझदारी से खाएँ, आपका भविष्य आपको धन्यवाद देगा।"

इसका उद्देश्य लोगों को डराना नहीं, बल्कि उन्हें सचेत करना है, ताकि वे अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हों।

इससे क्या फ़ायदा होगा?

  • लोग सोच-समझकर ऑर्डर करेंगे।
  • मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।
  • छोटे बच्चों और बुजुर्गों के खान-पान पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • खाद्य विक्रेता भी संतुलित तेल और चीनी के इस्तेमाल के प्रति ज़्यादा जागरूक होंगे।

अब समय आ गया है कि हम सिर्फ़ स्वाद के पीछे न भागें, बल्कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। सरकार का यह कदम सराहनीय है और अगर इसे पूरे देश में लागू किया जाए, तो यह लाखों लोगों की जीवनशैली बदल सकता है। लड्डू, पकौड़े, समोसे और जलेबी जैसे स्वादिष्ट स्नैक्स का आनंद लीजिए, लेकिन अब चेतावनी पढ़ें और सावधान रहें! 

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