पटना में BPSC अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज ! जानिए घटना से लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया तक की पूरी कहानी
पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज ने राज्य में नहीं बल्कि पूरे देश में हलचल मचा रखी है।
पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा अभ्यर्थियों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज ने राज्य में नहीं बल्कि पूरे देश में हलचल मचा रखी है। लेकिन आप पहले ये जान लीजिए आखिर बिहार में हो रहे इतने बवाल की शुरूआत आखिर हुई कहां से ? तो दरअसल, छात्रों ने परीक्षा में गड़बड़ी और प्रश्नपत्र में असमानता का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने और दोबारा आयोजित कराने की मांग की है।
पिछले 12 दिनों से पटना में छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताएं उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हैं। इस आंदोलन ने अब आर-पार की लड़ाई का रूप ले लिया है। छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, जबकि बीपीएससी प्रशासन अपनी स्थिति बदलने को तैयार नहीं है। स्थिति दिन-ब-दिन तनावपूर्ण होती जा रही है, और अब यह आंदोलन बिहार के शैक्षणिक और प्रशासनिक तंत्र पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
प्रदर्शनकारी छात्र पटना की सड़कों पर उतरे और BPSC कार्यालय की ओर कूच करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की और जब प्रदर्शनकारी छात्र पीछे नहीं हटे, तो बल प्रयोग करते हुए वाटर कैनन से लेकर लाठीचार्ज किया गया। कई अभ्यर्थियों को चोटें आईं, और घटना के बाद तनावपूर्ण माहौल बन गया।
प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया: प्रशासन पर सवाल
इस घटना पर जन सुराज अभियान के नेता प्रशांत किशोर भी शामिल हो चुके है जहां उन्होंने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह घटना सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाती है। प्रशांत किशोर ने पुलिस बल प्रयोग को अनुचित करार दिया और सरकार से सवाल किया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर इस तरह का बर्ताव क्यों किया गया। उन्होंने इसे सरकार की प्रशासनिक विफलता करार दिया और अभ्यर्थियों के साथ खड़े होने का वादा किया।
राज्यपाल से मिले पप्पू यादव
बिहार लोक सेवा आयोग BPSC अभ्यर्थियों की मांग को लेकर निर्दलीय सांसद पप्पू यादव अभ्यर्थी डेलिगेशन के साथ राजभवन पहुंचकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिले है। इसके बाद पप्पू यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजपाल राजेंद्र विश्वनाथआर्लेकर ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष होगी। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी बात करूंगा। हर कीमत पर बच्चों को इंसाफ मिलेगा।
राजनीतिक माहौल गर्म: विपक्षी दलों की तीखी आलोचना
BPSC अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के बाद बिहार का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। तेजस्वी यादव ने फेसबुक लाइव के जरिए कहा कि भाजपा की 'बी टीम' BPSC अभ्यर्थियों के आंदोलन को कुचलना चाहती है। वे अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं। तेजस्वी ने अभ्यर्थियों से अपील की कि वे किसी के बहकावे में न आएं। शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन जारी रखें। तेजस्वी ने कहा कि हम आपके साथ हैं।
तेजस्वी ने आगे कहा कि गर्दनीबाग में शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा था। इससे BPSC और सरकार हिली हुई थी। लेकिन भाजपा की 'बी टीम' ने आंदोलन को गांधी मैदान ले जाने का काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि 'बी टीम' के नेता ने छात्रों से कहा था कि कुछ भी हो, मैं सबसे आगे रहूंगा। लेकिन लाठीचार्ज के समय वे सबसे पहले भाग गए।
अभ्यर्थियों की मांग और भविष्य की रणनीति
BPSC अभ्यर्थियों ने स्पष्ट किया है कि उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आयोग उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करता। उनकी प्रमुख मांगें हैं:
- परीक्षा प्रणाली में सुधार।
- लाठीचार्ज में शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई।
- प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए अभ्यर्थियों की रिहाई।
सरकार की ओर से प्रतिक्रिया
अब तक राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर कोई ठोस बयान नहीं दिया है। पुलिस प्रशासन ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने कानून-व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश की थी, जिसके कारण बल प्रयोग करना पड़ा। लेकिन इस स्पष्टीकरण से प्रदर्शनकारियों और राजनीतिक नेताओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ है।
तीन लाख से ज्यादा छात्रों के भविष्य का सवाल
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीपीएससी की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का विज्ञापन सितंबर 2024 में जारी किया गया था और इसमें 4,83,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया, जिनमें से 3,25,000 ने परीक्षा दी है. यह परीक्षा 2,031 पदों के लिए आयोजित की गई थी,
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